उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में आवास विकास परिषद द्वारा अधिग्रहित की गई जमीन का उचित मुआवजे सहित अन्य मांगों को लेकर 05 साल से आंदोलन कर रहे मंडोला के किसानों ने बुधवार को पहले आमरण अनशन की घोषणा की और फिर जिंदा समाधि ले ली। आंदोलन से जुड़े 17 किसान गहरे गड्ढे खोदकर उनमें बैठकर जिंदा समाधि ले ली।
समाधि की खबर सुनकर प्रशासन ने मांगी किसानों की मांग
समाधि लेने की खबर मिलने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया और जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने एसडीएम शुभांगी शुक्ला को मौके पर भेजा। शुभांगी शुक्ला ने किसानों को काफी मनाने का प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक बात नहीं बनी। आम आदमी पार्टी के नेता सचिन शर्मा ने किसानों को अपना समर्थन देने की घोषणा की।
एसडीएम शुभांगी शुक्ला ने किसानों से कलक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी से वार्ता करने की बात कही। जबकि किसानों ने कहा कि वे इस स्थिति में नहीं है कि वह कलक्ट्रेट जाकर वार्ता करें। जिलाधिकारी चाहे तो आवास विकास परिषद के मंडोला स्थित कार्यालय पहुंचकर उनसे वार्ता कर सकते हैं।
दरअसल मंडोला विहार के किसान पिछले 05 सालों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। वह कई बार भूख हड़ताल, धरना प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन उनकी मांग आज तक पूरी नहीं हुई । जिस कारण किसानों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। इसी के चलते आज उन्होंने आमरण अनशन के साथ जिंदा समाधि ले ली।
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किसान नेता नीरज त्यागी, योगेश त्यागी, मास्टर महेंद्र सिंह, मनवीर तेवतिया,बृजेश त्यागी, अमित त्यागी आदि ने बुधवार सुबह 10 बजे पहले तो आमरण अनशन की घोषणा की। उसके बाद कब्रनुमा गड्ढा खोदकर उसमें बैठ गए। किसानों ने कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती, वह इस समाधि से नहीं निकलेंगे। चाहे उनके प्राण चले जाए। किसान नेता नीरज त्यागी ने बताया कि वह लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगी। उन्होंने कहा यह आंदोलन और तेजी पकड़ेगा ।