बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे को 17 सितंबर तक पुलिस की कार्रवाई से राहत दे दी है। राज्य की सत्तारूढ़ उद्धव सरकार ने भी हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि पुलिस 17 सितंबर तक राणे के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। हाईकोर्ट ने राणे को महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए भी कहा है।
केंद्रीय मंत्री के खिलाफ दर्ज मुकदमों को लेकर दर्ज किया गया था मुकदमा
हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील सतीश मानेशिंदे और अनिकेत निकम ने केंद्रीय मंत्री राणे पर दर्ज मामलों को रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई के दौरान वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र में बहुत से अपराध हो रहे हैं, आरोपित फरार हैं, लेकिन राणे के एक बयान को लेकर महाड, नासिक, पुणे और ठाणे में मामला दर्ज किया गया।
इसके बाद नारायण राणे को गिरफ्तार कर महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया, जहां से राणे को जमानत मिल गई। मानेशिंदे ने कहा कि गिरफ्तारी से पहले राणे को किसी भी तरह की नोटिस नहीं दी गई थी। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या राज्य में कोरोना का खतरा खत्म हो गया है?
राज्य सरकार के वकील अमित देसाई ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्रीय मंत्री राणे पर 17 सितम्बर तक कठोर कार्रवाई न करने का निर्णय लिया गया है। महाराष्ट्र में दर्ज अन्य मामलों की जानकारी अभी तक उन्हें नहीं मिली है। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 सितम्बर तक स्थगित कर दी।
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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में केंद्रीय मंत्री राणे के विरुद्ध रायगढ़ जिले के महाड के साथ-साथ ठाणे, पुणे और नासिक में मामले दर्ज किए गए हैं। महाड प्रकरण में गिरफ्तार किए गए राणे को मंगलवार देर रात को महाड मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत दे दी थी। राणे ने अपने खिलाफ दर्ज इन मामलों को रद्द करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।