द्रंग दौरे के दौरान ग्राम पंचायत टांडू के पाखरी गांव की एक लाचार मां ने बीच सड़क पर खड़े होकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले को रोक दिया। जैसे ही काफिला रुका तो लाचार मां मुख्यमंत्री के पास गई और हाथ जोड़कर अपने बेटे की बीमारी की बात कहकर घर चलकर सारी स्थिति देखने की गुहार लगाई। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी समझ गए कि जब महिला बीच सड़क पर खड़ी होकर काफिला रोक रही है तो मामला कुछ गंभीर है। मुख्यमंत्री अपनी गाड़ी से उतरे और महिला के घर चल दिए। यहां महिला ने पिछले 21 वर्षों से बिस्तर पर पड़े अपने बेटे की स्थिति दिखाई और मदद की गुहार लगाई।
सारे घटनाक्रम की जानकारी खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भटोग में आयोजित जनसभा के दौरान दी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि महिला को एक लाख की आर्थिक मदद देने के साथ उसके बीमार बेटे को सहारा योजना में शामिल करने के आदेश डीसी मंडी को दे दिए गए हैं। सरकार की यह योजना ऐसे ही लोगों के लिए चलाई जा रही है। इसमें व्यक्ति के तीमारदार को हर महीने सरकार की तरफ से तीन हजार की आर्थिक मदद मिलती है।
सीएम घर गए और मां से सुनी पूरी दास्तां
सीएम ने कहा कि इसके बाद हम खुद उस महिला के घर गए और सारी कहानी को जानी। महिला का नाम लक्ष्मी देवी है। इनकी तीन बेटियां और दो बेटे हैं। दो बेटों में से एक बेटा, जिसका नाम सूरजमणी है। वो पिछले 21 वर्षों से कोमा में है और बिस्तर पर पड़ा हुआ है। 21 वर्ष पहले सड़क दुर्घटना के बाद से ही सूरजमणी कोमा में है।
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लक्ष्मी देवी के पति की 2014 में मृत्यु हो चुकी है और अब वह अकेली ही सूरजमणी की देखरेख कर रही है। हर महीने सूरजमणी के उचपार पर 15 से 20 हजार का खर्च आ रहा है। सांस लेने की पाईप चंडीगढ़ से मंगवानी पड़ती है। पति की पेंशन से हर महीने 10-11 हजार मिल जाते हैं लेकिन उससे गुजारा नहीं हो पा रहा है। लक्ष्मी देवी बताती हैं कि अपने बेटे के ठीक होने की आस में वो दिन रात उसकी सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने मदद के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार जताया है।
लक्ष्मी देवी ने गुहार लगाई है कि यदि कोई उसके बेटे के उपचार में मदद कर सके तो वो उसके मोबाईल नंबर 8679677532 पर संपर्क कर सकता है।