प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं की मुलाकात के कुछ दिन बाद बुधवार को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के परिसीमन आयोग की 6 जुलाई से 9 जुलाई के बीच की यात्रा की घोषणा की गई। यात्रा के दौरान आयोग राजनीतिक दलों, जनप्रतिनिधियों और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों से परिसीमन के बारे में विचार-विमर्श करेगा। इन अधिकारियों में 20 जिलों के चुनाव अधिकारी व उपायुक्त भी शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर को लेकर लेगा बड़ा फैसला परिसीमन आयोग
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम-2019 के तहत परिसीमन जरूरी है। परिसीमन आयोग का पिछले साल मार्च में गठन किया गया था और इसके कार्यकाल को कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष मार्च में एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था।
चुनाव आयोग के अनुसार, आज परिसीमन आयोग ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता और मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा की उपस्थिति में जम्मू-कश्मीर यात्रा संबंधी फैसला किया। आयोग में 5 सदस्य हैं। इन्हें लोकसभा अध्यक्ष ने मनोनीत किया है। आयोग पहले ही जानकारी जुटाने जिलों के मानचित्र और निर्वाचन क्षेत्रों की 2011 से संबंधित जनगणना के आंकड़ों पर चर्चा कर चुका है।
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चुनाव आयोग के अनुसार परिसीमन आयोग की अपेक्षा है कि सभी अपने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए परिसीमन की प्रक्रिया को समय से पूरा करने के लिए अपना सहयोग दें। जम्मू-कश्मीर