एक केंद्र शासित राज्य (पुदुचेरी) सहित पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, केरल, और तमिलनाडु) में हुए विधानसभा चुनाव के मतदानों की मतगणना जारी है। इसी क्रम में केरल एक बार फिर लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) के हाथों में जाती नजर आ रही है। जबकि चिर प्रतिद्वंदी समझी जा रही यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) अभी काफी पीछे हैं। इस चुनाव में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही बीजेपी एक बार फिर नाकाम नजर आ रही है।
केरल चुनाव में बीजेपी को मिल रही तीन सीटें
दरअसल, केरल से सामने आए रुझानों के अनुसार, एलडीएफ 89 सीटों पर बढ़त बनाकर बहुमत की सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा चुकी है, जबकि यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) 47 सीटों के साथ काफी पीछे है। इसके अलावा बीजेपी के खाते में तीन सीटें जाती नजर आ रही हैं। इसके अलावा एक सीट अन्य के खाते में जाती नजर आ रही है।
यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक के बार रक ताबड़तोड़ कई चुनावी रैलियां की थी. हालांकि सामने आ रहे रुझाओं को देखकर प्रतीत हो रहा कि उनकी सारी कोशिशें बेकार साबित हुई.
केरल में बीजेपी की ओर से नेमम सीट पर पार्टी उम्मीदवार को बढ़त मिली है। इसके अलावा पलक्कड़ से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे पार्टी के संभावित सीएम उम्मीदवार मेट्रोमैन ई। श्रीधरन भी हजार से ज्यादा वोटों से आगे हैं। लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अपनी दोनों सीटों से पीछे हैं।
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कोरोना के बीच केरल में छह अप्रैल, 2021 को एक चरण में ही चुनाव हुए थे। इस बार कांग्रेस की अगुवाई वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट में यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (जोसेफ) आरएसपी, केरला कांग्रेस (जैकब), सीएमपी (जे) भारतीय नेशनल जनता दल और ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लाक मिलकर ताल ठोंक रही हैं। वहीं, लेफ्ट के नेतृत्व वाले एलडीएफ में सीपीएम, सीपीआई, जेडीएस, एनसीपी, केरला कांग्रेस (एम), केरला कांग्रेस (सकारिया थामस), कांग्रेस (सेक्युलर), जेकेसी, इंडियन नेशनल लीग, केरला कांग्रेस (बी) जेएसएस और लोकतांत्रिक जनता दल शामिल हैं, जबकि एनडीए में बीजेपी और भारतीय धर्म जनसेना पार्टी हैं।