मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गुरुवार को हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गृहमंत्री अनिल देशमुख के विरुद्ध सीबीआई जांच की मांग की है। याचिका में परमबीर सिंह ने अपने तबादले को गलत बताया है। उन्होंने अदालत से मुंबई पुलिस आयुक्त पद पर खुद को बहाल करने का आदेश महाविकास आघाड़ी सरकार को देने की भी मांग की है।
परमबीर सिंह ने गृहमंत्री पर लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
एंटिलिया मामले के बाद महाविकास आघाड़ी सरकार ने परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाकर होमगार्ड विभाग का प्रमुख बना दिया था। इसके बाद परमबीर सिंह ने गृहमंत्री अनिल देशमुख पर हर महीने 100 करोड़ रुपये रंगदारी मांगे जाने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 8 पेज का पत्र भेजा था। इसके बाद परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गृहमंत्री पर लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच करवाए जाने की मांग की थी।
बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को इस मामले की सुनवाई के लिए बांबे हाईकोर्ट में जाने का निर्देश दिया और इस मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया। इसी वजह से परमबीर सिंह ने इस मामले की याचिका आज हाईकोर्ट में दायर की। हाईकोर्ट ने अभी तक इस मामले की सुनवाई की तारीख तय नहीं की है।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये बेहद गंभीर मामला है, इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट क्यों करे, हाईकोर्ट क्यों नही? मुकुल आप ये बताए कि 226 के तहत इस मामले की सुनवाई क्यों नही हो सकती? आप केवल उदाहरण दे रहे है अनुच्छेद 32 का।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में आप कुछ आरोप लगा रहे है और मंत्री कुछ आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में हाई कोर्ट सुनवाई क्यों नहीं कर सकता, हम मानते है कि ये मामला बेहद गंभीर है, इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट कर सकता है, आपकी जो भी डिमांड है, आप हाई कोर्ट के समक्ष रखे।