हुसैन जैदी की 2011 में प्रकाशित हुई अंग्रेजी किताब ‘द माफिया क्वीन्स ऑफ मुम्बई’ पर आधारित फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ के खिलाफ मुम्बई में स्थित शिवड़ी की एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने फिल्म के निर्माता और निर्देशक संजय लीला भंसालॊ, फिल्म में टाइटल रोल निभा रहीं आलिया भट्ट और फिल्म के दो लेखकों को 21 मई को अदालत में पेश होने के लिए एक समन जारी किया है।
गंगूबाई के गोद लिये बेटे होने का दावा करनेवाले बाबूरावजी शाह नामक शख्स का कहना है कि फिल्म और जिस किताब पर ये फिल्म आधारित है, दोनों में उनकी मां की नकारात्मक छवि पेश की गई है और यही वजह है कि उन्होंने फिल्म से जुड़े लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस याचिका में किताब पर भी पाबंदी लगाने की मांग की गई है।
इस मसले पर अधिक जानकारी के लिए जब एबीपी न्यूज ने याचिकाकर्ता बाबूरावजी शाह के वकील नरेंद्र दुबे से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, “गंगूबाई काठियावाड़ी’ में गंगूबाई को एक वेश्या और मुम्बई की माफिया क्वीन की तरह पेश किया गया है और इस फिल्म में बताया गया है कि उनके संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला, हाजी मस्तान जैसे कुख्यात लोगों से थे। फिल्म में गंगूबाई का जिस तरह से चित्रण किया गया है, वो पूरी तरह से गलत है। गंगूबाई एक समाज सेविका थीं और उन्होंने लोगों के उत्थान के लिए काम किया था। यही वजह है कि गंगूबाई के गोद लिये गये बेटे बाबूरावजी शाह की ओर से हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा और हमने फिल्म के मेकर्स और इससे जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।”
वकील नरेंद्र दुबे ने आगे कहा, “मानहानि से जुड़ी हमारी इस याचिका के बाद संजय लीला भंसाली, फिल्म में गंगूबाई का किरादार निभा रहीं आलिया भट्ट और फिल्म के दोनों लेखकों को 21 मई को अदालत में पेश होने का समन जारी किया गया है। हम चाहते हैं कि गंगूबाई की नकारात्मक छवि पेश करनेवाली इस फिल्म की रिलीज पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए।”
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वकील नरेंद्र दुबे ने एबीपी न्यूज़ को यह जानकारी भी दी कि मानहानि का मुकदमा दायर करने के बाद अगले हफ्ते फिल्म के खिलाफ मुम्बई हाईकोर्ट में भी फिल्म पर रोक लगाने के एक याचिका उनकी ओर से दायर की जाएगी।