पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम भेजे गए लेटर बम ने ठाकरे सरकार के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए बार और रेस्टॉरेंट्स से वसूली का टारगेट दिया था। यह बात उन्होंने शरद पवार और खुद मुख्यमंत्री को भी बताई थी। इसके बाद विपक्ष की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी। राज्य भर में भाजपा आज (21 मार्च, रविवार) गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही है। लेकिन इस मुद्दे पर अब तक की सबसे कड़ी प्रतिक्रिया पूर्व में मुख्यमंत्री रह चुके भाजपा नेता नारायण राणे की आई है।
नारायण राणे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि गृहमंत्री का इस्तीफा बाद में पहले मुख्यमंत्री की इस्तीफा लेना जरूरी है। तात्कालिक पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा पत्र लिखे जाने के बावजूद मुख्यमंत्री ने कार्रवाई क्यों नहीं की? वो यही सब चेक कर रहे थे कि ड्राफ्ट में हस्ताक्षर है कि नहीं है। कौन सा ईमेल आईडी है, आधिकारिक ईमेल आईडी से है कि नहीं है। उन्हें यह समझना चाहिए था कि अगर एक पुलिस आयुक्त गृहमंत्री को लेकर कोई पत्र लिखने की हिम्मत कर रहा है तो ये कितनी गंभीर बात है।
सचिन वाजे वर्षा बंगले में क्या करने जाते थे?
नारायण राणे ने आरोप लगाया है कि सचिन वाजे पिछले कई महीनों से कभी वर्षा बंगले में आते, कभी ओबेरॉय होटल में रह रहे थे। सचिन वाजे को सभी महत्वपूर्ण मामले दिए जाएं, यह आदेश मुख्यमंत्री ने खुद दिए थे। मुख्यमंत्री को सचिन वाजे साधू-संत लग रहे थे। सचिन वाजे मुख्यमंत्री के लिए काम कर रहे थे। आखिर देश के बड़े उद्योगपति की जान जोखिम में वाजे किसके इशारे पर डाल रहे थे? इसलिए गृहमंत्री का इस्तीफा लीजिए ना नहीं लीजिए, पहले मुख्यमंत्री का इस्तीफा लीजिए। मुख्यमंत्री को एक पल के लिए भी कुर्सी में बने रहने का अधिकार नहीं रह गया है।
किसान, मजदूर का प्रश्न पीछे, वसूली आगे
नारायण राणे ने ठाकरे सरकार पर आरोप लगाया कि इस सरकार में बैठे लोगों के लिए किसान-मजदूर का प्रश्न पीछे रह गया, वसूली आगे रह गई। अब तो कई लोग अब बोलने को तैयार हैं कि अनिल देशमुख उनसे पैसे मांगते हैं। इसलिए गृहमंत्री अनिल देशमुख तो जिम्मेदार हैं हीं, मुख्यमंत्री कई ज्यादा जिम्मेदार हैं। क्योंकि उन्हें सब पता होते हुए भी उन्होंने कार्रवाई नहीं की। इसकी जांच होनी चाहिए कि सचिन वाजे जो पैसे वसूला करते थे वो कहां जाते थे?
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राणे से जब पूछा गया कि आप सीएम का इस्तीफा मांग रहे हैं। आपकी ही पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री तो सिर्फ गृहमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा उनको जो ठीक लग रहा है, वो वही कर रहे हैं। मुझे जो ठीक लग रहा है, मेरे पास जितने प्रमाण हैं, उनके आधार पर मुझे जो ठीक लग रहा है, मैं वो कर रहा हूं। ऐसे गृहमंत्री और मुख्यमंत्री रहने से राज्य की प्रतिष्ठा पूरी तरह से मिट्टी में मिल गई है। इसलिए मुख्यमंत्री का इस्तीफा सबसे पहले जरूरी है।