लखनऊ। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) की डिजाइन पर कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री में 83 सीटों वाली एसी थर्ड बोगी का प्रतिरूप (प्रोटोटाइप) तैयार किया गया है। रेलवे ने अब लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) वाली एसी थर्ड बोगियों में सीटों की संख्या 72 से बढ़ाकर 83 करने की तैयारियां शुरू कर दी है। इससे यात्रियों को कंफर्म सीटें मिल सकेंगी।
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लखनऊ मंडल के एक वरिष्ठ रेल अधिकारी ने शनिवार को बताया कि अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन की डिजाइन पर कपूरथला की रेल कोच फैक्ट्री में 83 सीटों वाली एसी थर्ड बोगी का प्रतिरूप तैयार किया गया है। यह प्रतिरूप 15 दिन में लखनऊ आएगा।
उन्होंने बताया कि एसी थर्ड बोगियों में सीटों की संख्या 72 से बढ़ाकर 83 करने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। इससे यात्रियों को कंफर्म सीटें मिल सकेंगी। एलएचबी कोच वाली एसी थर्ड बोगियों में सीटें बढ़ाने के लिए दोनों ओर के एसी पैनल के हिस्से को हटाकर उसको बोगी के नीचे शिफ्ट किया जाएगा।
अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन के महानिदेशक वीरेंद्र कुमार ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के लिए इस बार आरडीएसओ के बजट को 22 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। रेलवे ने ट्रेनों की टक्कर रोकने के लिए आरडीएसओ के ट्रेन कोलिजन एवॉयडेंस सिस्टम (टीकास) को मंजूरी दे दी है।
टीकास लोको पायलट को सिग्नल की पोजिशन और ट्रैक पर आने वाले खतरों से सतर्क करेगा। आरडीएसओ ने एंड ऑफ ट्रेन टेलीमेट्री (ईओटीजी) बनाया है। यह सिस्टम मालगाड़ी के गार्ड वैगन में लगेगा। इससे मालगाड़ी बिना गार्ड के दौड़ सकेगी। यदि मालगाड़ी के दौड़ते समय उनकी कपलिंग खुलने जैसी कोई घटना होगी तो ईओटीजी इसकी सूचना लोको पायलट के पास लगी स्क्रीन पर देगा। पूर्व तटीय रेलवे और दक्षिण पूर्व रेलवे में इसका ट्रायल चल रहा है। करीब 400 माल गाड़ियों के लिए यह उपकरण मंगाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आरडीएसओ को ऐसे ही कई प्रोजेक्टों के रिसर्च के लिए बजट में 85.65 करोड़ रुपये मिला है। इसलिए टीकास सिस्टम, टेलीमेट्री सिस्टम, हाईस्पीड ट्रेन कॉरिडोर सहित कई प्रोजेक्टों को और गति मिलेगी।
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