अक्सर लोग अपना भविष्य जानने के लिए ज्योतिष को हाथ दिखाते है, लेकिन क्या आप जानते है कि केवल हाथों की रेखाएं ही व्यक्ति के जीवन का संकेत नहीं देती बल्कि मस्तक की रेखाओं से भी भविष्य के बहुत से संकेत मिलते हैं। हाथों की तरह ही माथे की रेखाएं भी भूत, भविष्य और वर्तमान के बारे में बताती हैं। हालांकि माथे की इन रेखाओं का सटीक विश्लेषण बेहद जरुरी है। माथे की रेखाएं भी व्यक्ति के जीवन के बारे में बहुत कुछ बताती हैं। माथे की इन रेखाओं से व्यक्ति के भूत, वर्तमान और भविष्य के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए जरुरी है कि व्यक्ति के मस्तिष्क की स्थिति, उसके आकार-प्रकार, रंग और रेखाओं के बारे में अच्छी तरह से अध्ययन जरुरी है। जानिए मस्तक पर मौजूद रेखा और उनसे मिलने वाले संकेतों के बारे में।
शनि रेखा-शनि रेखा माथे में सबसे ऊपर होता है। यह रेखा अधिक लंबी नहीं होती और माथे के मध्य भाग में ही दिखाई देती है। समुद्र लक्षण विज्ञान के अनुसार इस रेखा के आसपास का हिस्सा भी शनि ग्रह से प्रभावित माना जाता है। जिन लोगों के माथे पर यह रेखा साफ दिखाई देती है, वह बेहद गंभीर स्वभाव का होता है। यदि उठे हुए माथे पर शनि रेखा हो तो ऐसे लोग रहस्यमयी, गंभीर और अहंकारी स्वभाव के होते हैं। ये अपने बातों का किसी दूसरे को भनक तक नहीं लगने देते। इस तरह के लोग जादूगर या तांत्रिक होते हैं।
गुरु रेखा: शनि रेखा के थोड़ा सा नीचे माथे पर गुरु रेखा होता है। यह रेखा शनि रेखा से थोड़ी लंबी होती है। यह रेखा पढ़ाई, आध्यात्म और इतिहास के बारे में महत्वाकांक्षा का सूचक होती है। जिन लोगों के माथे पर गुरु रेखा साफ और लंबी हो वह आत्मविश्वासी और अपनी बातों पर दृढ़ होता है। इन लोगों पर आंख बंद करके भरोसा किया जा सकता है। इस रेखा वाले लोग शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाते हैं।
मंगल रेखा: माथे के बीच में कुछ ऊपर और गुरु रेखा के नीचे मंगल रेखा होती है। यदि सपाट या पूरी तरह से विकसित माथे पर मंगल रेखा शुभ गुणों के साथ हो और व्यक्ति के कनपटी से ऊपर के स्थान थोड़े उठे हुए हों तो ऐसा व्यक्ति स्वाभिमानी, साहसी, धार्मिक प्रवृत्ति वाला और क्रिएटिव होता है। ऐसे लोग सेना, पुलिस और प्रशासन में उच्च अधिकारी बनते हैं। लेकिन यदि बेहद छोटे माथे पर अशुभ गुणों वाली मंगल रेखा हो और कनपटी के ऊपर के भाग भी विकसित हों तो ऐसा व्यक्ति आपराधिक प्रवृत्ति का होता है। इन लोगों को बहुत जल्द गुस्सा आता है। गुस्से में वे किसी भी हद तक जा सकते हैं।
बुध रेखा: यह रेखा माथे के बीचोबीच होती है। बुध रेखा लंबी होती है और विशेष स्थितियों में व्यक्ति की दोनों कनपटियों के किनारों केा स्पर्श करती दिखती है। बुध रेखा मैमोरी, ज्ञान और ईमानदारी का संकेत देती है। यदि यह रेखा शुभ हो तो व्यक्ति कलात्मक प्रकृत्ति का होता है। ऐसे लोगों में दूसरों को पहचाने की क्षमता होती है।
शुक्र रेखा: बुध रेखा से ठीक नीचे केवल मध्य भाग में शुक्र रेखा का स्थान होता है। बुध रेखा छोटे आकार की होती है। शुक्र रेखा अच्छे स्वास्थ्य, भ्रमण को पसंद करने वाला, आकर्षक और सम्मोहक व्यक्तित्व का संकेत देती है। विकसित माथे पर यदि शुक्र रेखा साफ ढंग से दिखाई दे तो ऐसा व्यक्ति आशा, उत्साह और स्फूर्ति से भरा हुआ होता है। ऐसा व्यक्ति देश-विदेश में घूमने का बहुत शौकीन होता है।
सूर्य रेखा: यह रेखा व्यक्ति की दाईं आंख की भौंह के ऊपर होती है। यह रेखा भी अधिक लंबी नहीं होती और सिर्फ आंख तक सीमित होती है। सूर्य रेखा प्रतिभा, सफलता, यश और सुख-समृद्धि का प्रतीक होती है। शुभ रेखा के साथ माथे वाला व्यक्ति बेहद सूझबूझ वाला होता है। ये लोग अनुशासन को सर्वोपरि रखते हैं। अच्छी सूर्य रेखा वाले लोग गणितज्ञ और अच्छे नेता होते हैं। इनमें दूसरों को प्रभावित करने की अदभुत क्षमता होती है।
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चंद्र रेखा: माथे पर चंद्र रेखा बाईं आंख की भौंह के ऊपर रहती है। यदि चंद्र रेखा सरल, सीधी और साफ हो तो व्यक्ति कला प्रेमी, कुशाग्र बुद्धि वाला, कल्पनाशील और एकांत को पंसद करने वाला होता है। इस तरह की रेखा वाले लोग चित्रकला, संगीत और गायन में नाम कमाते हैं। चंद्र रेखा वाले लोग आध्यात्मिक भी होते हैं।