अभी बीते दिनों रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी और टेलीविजन रेटिंग एजेंसी बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थ दास गुप्ता की व्हाट्सएप चैट लीक का मामला लगातार मीडिया की सुर्ख़ियों में बना हुआ है। इस मामले को लेकर विपक्ष जहां लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आड़े हाथों लिए हुए है। वहीं अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें भी बढती ही जा रही है। इसी क्रम में यह मामला अर्नब गोस्वामी को एक नए मुसीबत के घेरे में खड़ा करता नजर आ रहा है।
अर्नब गोस्वामी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की कवायद में जुटी महाराष्ट्र सरकार
मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले को लेकर अर्नब गोस्वामी के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले की जानकारी महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख से हो सकी है।
अनिल देशमुख ने कहा कि सरकार ने वर्गीकृत सैन्य जानकारी पर अर्नब गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट को गंभीरता से लिया है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों और कानूनी जानकारों से सलाह ली जा रही है कि क्या उनके खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट (आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम) के तहत मामला दर्ज करके उनकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि हम देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। ये पता लगाना बहुत ज्यादा जरूरी है कि जब अर्नब को तीन दिन पहले वायुसेना की ओर से बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक की जानकारी थी, तो उन्होंने किन-किन लोगों से इसको साझा किया।
देशमुख के मुताबिक, ये भी पता लगाना जरूरी है कि अर्नब के पास वो जानकारियां कहां से आईं। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में मुंबई पुलिस टीआरपी घोटाले की जांच तो कर ही रही है, जिसमें ये चैट सामने आई। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार की ओर से जो भी संभव होगा वो करेंगे। वहीं बुधवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री देशमुख से मुलाकात करके अर्नब के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
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आपको बता दें कि इस चैट में पुलवामा हमले, बालाकोट स्ट्राइक जैसे संवेदनशील मामलों का जिक्र था। पूरी चैट से ये निष्कर्ष निकला कि अर्नब को बालाकोट स्ट्राइक की जानकारी पहले से लग गई थी। ऐसे में वो और केंद्र सरकार लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर हैं।