कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालने के ऐलान किया है। उनके इस ऐलान के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। केंद्र सरकार द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दो टूक जवाब देते हुए इस मामले में दखल देने से इंकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया यह आदेश
इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान बुधवार को चीफ जस्टिस बीएस बोबड़े की ओर से कहा गया कि ये मामला पुलिस के हाथ में है, पुलिस ही इसपर इजाजत देगी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ केंद्र की याचिका पर हम कोई आदेश पारित नहीं करेंगे। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा है कि यह पुलिस को तय करना है। हम आदेश पारित नहीं करने वाले हैं। आप कार्रवाई करने के अधिकारी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के खिलाफ अपनी याचिका वापस लेने के लिए कहा। उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा कि आप प्राधिकार हैं और आपको इससे निपटना है, इसपर आदेश पारित करना अदालत का काम नहीं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
इसके पहले बीते सोमवार को भी इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि 26 जनवरी को किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली कानून-व्यवस्था से जुड़ा मामला है और यह फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है कि राष्ट्रीय राजधानी में किसे प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए और किसे नहीं।
यह भी पढ़ें : ओवैसी ने मोदी को बताया कमजोर प्रधानमंत्री, कांग्रेस ने पूछा- कहां है 56 इंच का सीना
आपको बता दें कि बुधवार को ही केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 10वें दौर की बैठक होनी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बैठक में किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली का मुद्दा भी उठाया जा सकता है और इस प्रस्ताव का भविष्य निश्चित किया जा सकता है।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine