कोरोना वैक्सीन को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन के लिए ज्यादा कीमत अदा की है, जबकि इसके निर्माताओं ने यह दावा किया था कि वे बिना लाभ के टीकों की आपूर्ति करेंगे।
कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार पर लगाए आरोप
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी सरकार को भारत बायोटेक के लिए 95 रुपये प्रति डोज से अधिक का भुगतान क्यों करना चाहिए, जोकि सरकार द्वारा संचालित आईसीएमआर के वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता और अनुभव के साथ विकसित किया गया है। साथ ही केवल 755 व्यक्तियों पर परीक्षण किया गया है और चरण-3 परीक्षणों के बाद अभी इसे हरी झंडी दिखाया जाना बाकी है?
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस तरह के टीके की कीमत एस्ट्राजेनेका-सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड से सस्ती होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि खुले बाजार में टीका की कीमत 1,000 रुपये प्रति खुराक क्यों है?
सुरजेवाला ने कहा कि कोविशील्ड एक एस्ट्राजेनेका वैक्सीन है, जो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित है। सीरम इंस्टीट्यूट सरकार को यह वैक्सीन 200 रुपये प्रति डोज में दे रहा है। एस्ट्रेजेनेका बिना किसी लाभ के वैक्सीन की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन की आपूर्ति 295 रुपये प्रति खुराक पर की जा रही है। जाहिर है, कोवैक्सीन को आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया गया है।
एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा था कि उनकी कंपनी कोविशील्ड को खुले बाजार में 1,000 रुपये प्रति डोज पर बेचेगी, जो कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक 2 खुराक के लिए 2,000 रुपये है।
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सुरजेवाला ने कहा कि क्या हमें भारत की आबादी के टीकाकरण के बिना ही निर्यात की अनुमति देनी चाहिए? कोरोना वैक्सीन फॉर ऑल मोदी सरकार की घोषित नीति होनी चाहिए।