साबुन, तेल, दंतमंजन ये तो हर किसी की रोजमर्रा की जरुरत है, लेकिन इन चीजों के दाम भी अगर बढ़ने लगे तो ये आम आदमी के लिए चिंता की बात है। जी हां आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को तेल ,साबुन जैसी दैनिक इस्तेमाल की चीजों पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है। दरअसल इन सामानों का उत्पादन करने वाली कंपनियां कच्चे माल के दाम बढ़ने के कारण अपने उत्पादों के दाम में बढ़ोत्तरी करने का विचार कर रही है। इनमें से कुछ कंपनियों ने तो पहले ही दाम बढ़ा दिए हैं, जबकि कुछ अन्य करीब से स्थिति पर नजर बनाये हुए है और मामले पर अभी विचार कर रही है।
कच्चे माल के दाम बढ़ने से हो सकता है कीमतों में इजाफा
दैनिक जीवन में उपभोग किये जाने वाले उत्पाद बनाने वाली एफएमसीजी मैरिको तथा कुछ अन्य कंपनियां पहले ही दाम बढ़ा चुकीं है, जबकि डाबर, पारले और पतंजलि जैसी अन्य कंपनियां स्थिति पर करीब से निगाह रखे हुए हैं। नारियल तेल, दूसरे खाद्य तेलों और पाम तेल जैसे कच्चे माल का दाम बढ़ने से एफएमसीजी कंपनियां पहले तो इस वृद्धि को खुद ही वहन करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन वह लंबे समय तक अपने उत्पादों के दाम को स्थिर नहीं रख पाएंगी क्योंकि ऐसा करने से उनके सकल मार्जिन पर असर पड़ सकता है।
चार से पांच फीसदी की हो सकता है कीमतों में इजाफा
पारले प्राॅडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि, ‘पिछले तीन-चार माह के दौरान हमने खाद्य तेल जैसे सामान में उल्लेखनीय वृद्धि को देखा है। इससे हमारे मार्जिन और लागत पर असर पड़ रहा है। फिलहाल हमने कोई मूल्य वृद्धि नहीं की है, लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए हैं और यदि कच्चे माल में वृद्धि का क्रम जारी रहता है तो फिर हम दाम बढ़ाएंगे। यह वृद्धि सभी उत्पादों में होगी क्योंकि खाद्य तेल का इस्तेमाल सभी उत्पादों में होता है। यह वृद्धि कम से कम चार से पांच फीसदी की हो सकती है।’
प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भी हो सकती है वृद्धि
डाबर इंडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी ललित मलिक ने कहा कि हाल के महीनों में कुछ खास सामानों जैसे कि आंवला और सोने के दाम में वृद्धि देखी गई है। आने वाले समय में हमें कुछ प्रमुख जिंसों में महंगाई बढ़ने की संभावना लगती है। हमारा प्रयास होगा कि कच्चे माल के दाम की वृद्धि को खुद ही वहन करें और केवल कुछ चुने मामलों में ही न्यायोचित मूल्य वृद्धि होगी। यह वृद्धि बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए भी तय हो सकती है।
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फिलहाल ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ की स्थिति में- पतंजलि
हरिद्वार स्थित पतंजलि आयुर्वेद ने इस संदर्भ में कहा कि वह फिलहाल ‘देखो और प्रतीक्षा करो’ की स्थिति में है और अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, कंपनी ने यह भी संकेत दिया कि वह भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा कि, ‘हमारी कोशिश हमेशा यही रहती है कि बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव से बचा जाए लेकिन बाजार परिस्थितियां यदि मजबूर करतीं हैं तो हम उस पर अंतिम निर्णय लेंगे।’ सफोला और पैराशूट नारियल तेल जैसे ब्रांड बनाने वाली मैरिको ने कहा कि उस पर महंगाई का दबाव है, इसलिए प्रभावी मूल्य वृद्धि का कदम उठाना पड़ा।