शिवसेना ने की शरद पवार की वकालत तो बीजेपी ने कसा तंज,यूपीए पर बोला बड़ा हमला

शिवसेना द्वारा अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से की गई एनसीपी प्रमुख शरद पवार की वकालत ने बीजेपी को विपक्ष पर हमला करने का एक नया मौका दे दिया है। दरअसल, सामना के इस संपादकीय को लेकर बीजेपी ने जमकर सवाल खड़े किये हैं। बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने पूछा है कि ऐसे में अब कांग्रेस को ही जवाब देना चाहिए कि आखिर उनके गठबंधन में चल क्या रहा है। आखिर ऐसी नौबत क्यों आ गई कि उनके सहयोगी दल ही यूपीए चेयरपर्सन के तौर पर सोनिया गांधी के नेतृत्व को स्वीकार नहीं कर रहे।

शिवसेना के बयान पर बीजेपी का पलटवार

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि संजय राउत का बयान यही दिखा रहा है कि अब यूपीए में भी बगावत हो गई है। महाराष्ट्र में जिस दल के साथ मिलकर कांग्रेस सरकार चला रही है, अब उसी दल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के यूपीए की चेयरपर्सन बने रहने को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दिखाता है कि यूपी में सब कुछ ठीक नहीं है।

शाहनवाज़ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि फिलहाल देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कामों और उनके द्वारा उठाए जा रहे कदमों के साथ में है। ऐसे में भले ही यूपीए का चेयर पर्सन कोई भी हो, कितने भी विपक्षी दल साथ आ जाए लेकिन देश की जनता का भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर है।

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जिस तरह से देश की जनता का भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऊपर है उससे 2024 में भी यूपीए को देश की जनता कोई मौका नहीं देगी भले ही चेहरा कोई भी क्यों ना हो।

आपको बता दें कि शिवसेना ने सामना के संपादकीय में कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए यूपीए की कमान शरद पवार के हाथों में सौंपने की वकालत की है।

सामना के माध्यम से शिवसेना ने कहा कि  जब तक यूपीए में सारे बीजेपी विरोधी शामिल नहीं होते, तब तक विपक्ष मोदी के सामने बेअसर ही रहेगा। इस संपादकीय के माध्यम से शिवसेना ने कहा कि प्रियंका गांधी को दिल्ली की सड़क पर हिरासत में लिया जाता है, राहुल गांधी का मजाक उड़ाया जाता है और महाराष्ट्र सरकार को काम करने नहीं दिया जा रहा। यह लोकतंत्र के खिलाफ है।

शिवसेना ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन शुरू है। आंदोलन को लेकर सत्ता में बैठे लोगों की बेफिक्री दिख रही है। इस बेफिक्री का कारण है देश का कमजोर विपक्ष। केंद्र में मौजूदा विपक्ष बेजान हो चुका है। हालिया विपक्षियों की अवस्था बंजर गांव के मुखिया का पद संभालने जैसी है। इसीलिए महीनेभर से दिल्ली की सीमा पर बैठे किसान की सुध लेने वाला कोई नहीं। लिहाजा बंजर गांव की हालत सुधारनी होगी ही। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह जिम्मेदार नहीं है। इसकी जिम्मेदारी विपक्ष की है।

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सामना में शिवसेना ने कहा कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार का राष्ट्रीय स्तर पर एक अलग ही व्यक्तित्व है। उनके अनुभव का फायदा प्रधानमंत्री से लेकर दूसरी पार्टियां भी लेती है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी अकेली लड़ रही हैं। केंद्र सरकार सत्ता के जोर पर ममता की पार्टी तोड़ने का प्रयास कर रही है। ऐसे वक्त में तमाम विरोधी दलों ने ममता बनर्जी के पीछे मजबूती से खड़े रहने की जरूरत है। लेकिन इस कठिन दौर में ममता बनर्जी की केवल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात होने की खबर है और अब शरद पवार पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। यह काम कांग्रेस के नेतृत्व में करने की जरूरत थी। आज कांग्रेस की स्थिति ऐसी पार्टी की हैं जिसके पास पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं है।