मध्य प्रदेश कांग्रेस में एक बार फिर भीतरी युद्ध शुरू हो गया है। इस भीतरी युद्ध की वजह नगरीय निकाय के चुनाव के लिए उम्मीदवारों का चयन है, जिसको आड़े हाथों लेते हुए पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ को सवालों में घेरा है। दरअसल, लाखन सिंह ने उम्मीदवारी चयन के लिए अपनाई गई सर्वे प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कमल नाथ पर आरोपों का ठीकरा फोड़ा है।
कांग्रेस नेता ने कमलनाथ पर लगाए आरोप
दरअसल, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य में सह प्रभारियों की नियुक्ति की है। इन सह प्रभारियों को अलग-अलग हिस्से की जिम्मेदारी सौंपी गई है, यह सह प्रभारी अन्य नेताओं के साथ अपने-अपने क्षेत्र में बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में नगरीय निकाय चुनाव के उम्मीदवारों पर भी चर्चा हो रही है। शुक्रवार को ग्वालियर में कांग्रेस नेताओं की बैठक हुई, इसमें सह प्रभारी सुधांशु और पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर मौजूद रहे।
इस बैठक में पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने पार्टी की उम्मीदवारी चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवारों का ठीक तरह से चयन होता, टिकट सही तरीके से बांटे जाते तो और भी स्थानों पर जीत मिलती। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई तो यही कहा गया कि सर्वे-सर्वे, मिलेंगे टिकट, रखे रहे गए सर्वे। जब ऊपर बात ही नहीं सुनी जाए तो प्रभारी का क्या मतलब है।
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विधानसभा के उपचुनाव का जिक्र करते हुए लाखन सिंह यादव ने कहा कि चुनाव के मतदान के बाद कमल नाथ से पूछा था कि कितनी सीटें जीत रहे हैं, तो उन्होंने कहा था कि सर्वे के अनुसार 26-27 सीटों पर कांग्रेस जीत रही है। हुआ क्या, सिर्फ नौ सीटें ही जीत पाए।