अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहने वाले हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कोरोना परीक्षण टीका लगवाने के बावजूद कोरोना संक्रमित हो गए थे। टीकाकरण होने के बाद भी अनिल विज के संक्रमित होने पर विभिन्न कंपनियों के आने वाले संभावित टीकों के असरदार होने पर सवाल उठने लगे है। इसे लेकर दुनिया में कोरोनारोधी टीका बनाने वाली बड़ी दवा कंपनी फाइजर के अध्यक्ष अल्बर्ट बोरला ने कहा कि जिन लोगों को कंपनी की तरफ से परीक्षण के तौर पर कोरोनारोधी टीका लगाया गया है, वे अभी भी दूसरों को कोरोना वायरस फैला सकते हैं या नहीं। अभी इस बाबत और अधिक अध्ययन किए जाने की जरूरत है।
बोरला से जब पूछा गया कि क्या कोरोना संबंधी पूरी सुरक्षा मिलने के बावजूद संक्रमण के प्रसार की संभावनाएं हैं। इस बाबत बोरला ने फिर कहा कि मुझे लगता है कि यह एक ऐसी बात है, जिसकी जांच करने की जरूरत है। हम अभी उस चीज़ के बारे में निश्चित नहीं हैं, जो हम जानते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, टीके के विकास से जुड़े शोधकर्ताओं का कहना है कि कंपनी के परीक्षणों ने यह आकलन नहीं किया है कि यह टीका वायरस को कैसे प्रभावित करता है। इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है कि टीका लगाए गए लोग अभी भी दूसरों को बीमारी फैला सकते हैं।
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खास बातें
-अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोनटैक साझा रूप से टीका बना रहे हैं।
-दावा- फाइजर ने अपने टीके को 95 फीसदी कारगर बताया है।
-ब्रिटेन और बहरीन ऐसे दो देश हैं, जिन्होंने आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर के वैक्सीन को मंजूरी दी है।
-फाइजर अभी भी अमेरिका से मंजूरी का इंतजार कर रहा है, क्योंकि वैक्सीन का मूल्यांकन करने के लिए अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) 10 दिसंबर को स्वतंत्र विशेषज्ञों को इकट्ठा कर रहा है।