चचेरी बहनों ने रचाई मंदिर में शादी, कहा- लेस्बियन कहलाने में नहीं है कोई शर्मिंदगी

झारखंड के कोडरमा जिले में समलैंगिक विवाह का मामला सामने आया है।  जहां दो चचेरी बहनों ने आपस में मंदिर में शादी कर ली है।  दोनों बहने परिवार और समाज के डर से पहचान छिपाकर अलग रह रही है।  दोनों युवतियां झुमरी तिलैया की ही रहने वाली हैं।  लेकिन अब किसी दूसरे शहर में बसना चाहती हैं, ताकि वे परेशानियों से बच सकें।  दोनों चचेरी बहनों का कहना है कि उन्हें लेस्बियन कपल कहलाने में किसी तरह की शर्मिंदगी नहीं है।

पांच सालों से रह रही थी लिव इन में

समलैंगिक जोड़ी आपस में चचेरी बहने हैं और झुमरी तिलैया की रहने वाली हैं और दोनों के घर भी आस-पास हैं। कपल का कहना है कि जितनी भी मुश्किल आ जाए, वे हमेशा एक दूसरे के साथ रहेंगी।  अपने रिश्ते के बारे में परिवार वालों को बताए बिना ही दोनों युवतियां पिचके पांच सालों से लिव इन में रह रही थीं।  8 नवंबर 2020 को कपल ने कोडरमा के झुमरी तिलैया के एक शिव मंदिर में शादी कर ली।  

बताया जाता है कि कोडरमा जिले में समलैंगिक शादी का यह पहला मामला है।  उन्होंने बताया कि उन दोनों को भली-भांति पता था कि समलैंगिक संबंधों को कानूनी सरंक्षण प्राप्त है।  कपल ने बताया कि वे न्यूयार्क में रहने वालीं अंजलि चक्रवर्ती और सूफी संडल्स के रिश्ते से प्रभावित रही हैं।

दोनों बहनों में एक की उम्र 24 साल तो दूसरे की उम्र 20 साल हैं। एक ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की हैं तो दूसरी इंटर तक की पढ़ाई पूरी कर ली है। समलैंगिक संबंधों से जुड़ा यह कोडरमा जिले का पहला मामला है। हालांकि जब परिवार को इन दोनों चचेरी बहनों के समलैंगिक संबंधों का पता चला तो परिवार की तरफ से दोनों को समझाने का प्रयास भी किया गया। जिसको दोनों बहनों ने दरकिनार कर अपने परिवार का साथ छोड़ दिया और दोनों समलैंगिक कपल परिवार के दवाब से अलग पहचान छिपाकर रह रही हैं और अपने रिश्ते को मुकाम तक पहुंचाने की बात कह रहीं हैं।

यह भी पढ़ें:इंटरनेट पर वायरल इस लड़की ने साड़ी पहन मारे ऐसे बैकफ्लिप, वीडियो देख उड़ जायेंगे होश

ऐसे जोड़े कानून का ले सकते हैं सहारा

बता दें कि कि उच्चतम न्यायालय में समलैंगिक संबंधों को अप्राकृतिक अपराध की श्रेणी में रखने वाले धारा को संशोधित कर समलैंगिक संबंधों को मान्यता दे दी गई है। यदि किसी समलैंगिक जोड़े को अगर किसी तरह की परेशानी है या उसे कोई प्रताड़ित करता हैं तो वह कानून का सहारा ले सकता हैं और पुलिस प्रशासन का भी दयित्व हैं कि वे ऐसे जोड़े को कानूनी सुरक्षा प्रदान करें।