अपने विवादित बयानों में अक्सर भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले पाकिस्तान के एक चरमपंथी धार्मिक समूह तहरीक-ए-लब्बैक (टीएलपी) के मुखिया खादिम हुसैन रिजवी का बीते गुरूवार रात निधन हो गया। हालांकि, उनके मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। खादिम हुसैन रिजवी ने अभी बीते दिनों ही भारत को धमकी देते हुए अयोध्या में हुए बाबरी मस्जिद काण्ड का बदला लेने की बात कही थी।
खादिम हुसैन रिजवी ने फ्रांस, नीदरलैंड और भारत को दी थी बड़ी धमकियां
उनकी पार्टी के प्रवक्ता हमजा ने कहा कि रिजवी को पिछले कुछ दिनों से सांस लेने में तकलीफ थी और सोमवार से उन्हें बुखार था। हालांकि इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि कहीं पाकिस्तान सरकार ने खादिम हुसैन रिजवी को आईएसआई के हाथों मरवा तो नहीं दिया।
यह वही खादिम हुसैन रिजवी है जिसने फ्रांस को परमाणु बम से उठाने की धमकी दी थी। इतना ही नहीं, रिजवी के संगठन टीएलपी ने फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने के लिए इमरान सरकार पर दबाव भी बनाया था। इसी क्रम में उसके संगठन ने इस्लामाबाद में आंशिक घेराबंदी भी की थी।
सिर्फ फ्रांस ही नहीं 2018 में पैगंबर मोहम्मद के अपमान को लेकर नीदरलैंड को भी परमाणु बम से उड़ाने की धमकी दी थी। नीदरलैंड को चेतावनी देते हुए रिज़वी ने कहा था कि अगर उसने पैगंबर मोहम्मद को चित्रित करने वाले कार्टून की एक प्रतियोगिता की अनुमति दी तो वह ‘परमाणु बम’ से इस धरती के चेहरे से हॉलैंड को मिटा देगा। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के संस्थापक ने कहा था कि अगर वे मुझे परमाणु बम देते हैं तो मैं हॉलैंड को धरती से हटा दूँगा।
अभी बीते दिनों मौलाना खादिम हुसैन रिजवी ने भारत को बाबरी मस्जिद का बदला लेने की धमकी दी थी। इसके अलावा उसने कश्मीर में जेहाद के लिए भी अपने संगठन के दहशतगर्दों को भेजने का ऐलान भी किया था। उसने धमकी देते हुए कहा था की उसका संगठन TLP यानी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान भारत से बाबरी मस्जिद का बदला जरूर लेगा। उसने बाकी रह गया हिंदुओं का मसला तो हमें कुतुबमीनार भी कुतुबुद्दीन एबक छोड़कर गए थे। दिल्ली में मस्जिद भी हमारी है। आगरा का ताजमहल भी हमारा है। बाबरी मस्जिद के साथ जो तुमने किया, उसका बदला तो हमें लेना है।
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आपको बता दें कि रिज़वी का जन्म 22 जून, 1966 को पंजाब के अटॉक जिले में हुआ था, ने अपनी इस्लामिक शिक्षा हिफ़्ज़ और झेलम मदरसे से प्राप्त की। इसके बाद उसने आगे की धार्मिक शिक्षा लाहौर में जामिया निज़ामिया रिज़विया संस्थान दरस-ए-निज़ामी से प्राप्त किया। उसने पाकिस्तान के सख्त ईश निंदा कानूनों का विरोध करने वालों के खिलाफ विरोध के लिए 1 अगस्त 2015 को कट्टर इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान की स्थापना की।