ज्ञानवापी मस्जिद और शृंगार से सम्बंधित सात मामलों की सुनवाई अब कोर्ट एक साथ करेगी। यह ऐतिहासिक फैसला जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने सोमवार को दिया। 54 दिन तक चली सुनवाई में हिन्दू पक्ष की मांग को वाराणसी जिल जज ने स्वीकार करते हुए 7 मुकदमों को क्लब कर दिया है साथ ही 18 अन्य की फ़ाइल अध्ययन के लिए मंगवाई है।
हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत
इस सम्बन्ध में हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हमारी तरफ से एक याचिका दायर की गयी थी कि शृंगार गौरी और ज्ञानवापी से सम्बंधित वाद एक साथ सुने जाएं, क्योंकि ज्यादातर मामले एक ही टेक्स्चर के हैं। इस मामले में लगातर तारीख पड़ रही थी। सोमवार को जिला जज ने इसपर सुनवाई करते हुए 7 मुकदमों को क्लब करने का निर्देश दिया है। यह हिन्दू पक्ष की बड़ी जीत है।
मेरिट पर होंगे चेक
सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि जिला जज ने प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए 7 मामलों को क्लब किया है। इसके अलावा बाकी के मामलों की फ़ाइल मंगाई गयी है। उनकी मेरिट के हिसाब से यह तय होगा कि वो एकसाथ सुने जा सकते हैं या उन्हें अलग से सुना जाना चाहिए।
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22 फरवरी को आना था आदेश
अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने फैसला 22 फरवरी को ही आना था पर जिल जज के छुट्टी पर जाने और अन्य कारणों से आदेश नहीं आ पाया था। आज जिला जज ने तारीख दी थी जिसपर फैसला आया है। इस फैसले से चारों वादिनीन महिलाएं भी प्रसन्न हैं। अधिवक्ता ने बताया कि ये सभी केस ज्ञानवापी परिसर में राग-भोग और पूजा के अधिकार, कब्जा आदि से जुड़े हैं। वादिनी महिलाओं ने माता शृंगार गौरी की हर रोज पूजा और सभी विग्रहों के संरक्षण की मांग उठाई है। वहीं, ज्ञानवापी में एक केस स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी किया है। उन्होंने कहा कि इससे समय की बचत भी होगी।
इन सात मुकदमों की सुनवाई होगी एक साथ
जिन सात मुकदमों को जिला जज ने एक साथ सुनने की बात कही है। उनमे ज्यादातर मुकदमों में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी दूसरी पार्टी है। ऐसे में उन्हें भी आसानी होगी। कोर्ट ने जिन मुकदमों को एक साथ सुनने की बात कही है वो निम्न हैं।
1 – लक्ष्मी देवी बनाम श्रीआदि विश्वेश्वर
2 – लक्ष्मी देवी बनाम मां गंगा
3 – लक्ष्मी देवी बनाम स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
4 – लक्ष्मी देवी बनाम विश्वेश्वर
5 – लक्ष्मी देवी बनाम सत्यम त्रिपाठी
6 – लक्ष्मी देवी बनाम मां श्रृंगार गौरी
7 – लक्ष्मी देवी बनाम नंदी महराज