बिना नाम लिए राजनाथ सिंह ने राहुल पर किया कटाक्ष, ‘जो कुछ नहीं कर पाते, वे भारत जोड़ने निकल पड़ते हैं’

गुजरात के गिर सोमनाथ जिले में आज से ‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ कार्यक्रम का उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने देश की सांस्कृतिक सुरक्षा पर बल दिया। यहां बोलते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि देश की पहचान को बनाए रखने के लिए “सांस्कृतिक सुरक्षा” भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि सुरक्षा के अन्य पहलू। इस दौरान राजनाथ सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को लेकर भी बिना नाम लिए उनपर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जो लोग कुछ और करने में सक्षम नहीं हैं, वह  भारत को जोड़ने के लिए निकल पड़ते हैं जो पहले ही ‘एकजुट और अविनाशी’ है।

सांस्कृतिक सुरक्षा भी महत्वपूर्ण

रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में यहां यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सभ्यता, धर्म और संस्कृति को समर्पित गतिविधियों को देखते हुए कह सकते हैं कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण हम पर निर्भर करता है। उन्होंने आगे कहा कि आप सभी सीमा सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के बारे में जानते हैं। अब अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा जैसे नए आयाम भी जुड़ गए हैं। हाँ, सुरक्षा का एक और आयाम है जो उतना ही महत्वपूर्ण है और वह आयाम है हमारी संस्कृति का। इसे सांस्कृतिक सुरक्षा भी कहा जा सकता है। जिस तरह किसी राष्ट्र की पहचान को अक्षुण्ण रखने के लिए सीमाओं की सुरक्षा और अन्य चीजों की जरूरत होती है, उसी तरह देश की पहचान को बनाए रखने के लिए उसकी संस्कृति की सुरक्षा भी जरूरी है। भारत की सांस्कृतिक परंपरा इतनी मजबूत है कि तेज आंधी भी इसे हिला नहीं सकती।

राहुल गांधी पर बिना नाम लिए साधा निशाना

अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि लेकिन कुछ लोगों को ऐसे अखंड और अद्वितीय भारत को जोड़ने का फैशन है। जो और कुछ नहीं कर पाते हैं वे भारत को जोड़ने निकल पड़ते हैं, लेकिन भारत कह रहा है कि ‘मैं अखंड हूं, मैं टूटा नहीं हूं’, बावजूद इसके वे कहते हैं कि नहीं, मैं आपको जोड़ता रहूंगा।’ राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर तंज कसते हुए परोक्ष रूप से उन्होंने कहा कि आज नहीं, ये लंबे समय से भारत को जोड़ने का काम कर रहे हैं।

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राममंदिर पर कही यह बात

‘सौराष्ट्र-तमिल संगमम’ के उद्घाटन समारोह में अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि इस समय भारत एक बड़े सांस्कृतिक परिवर्तन का साक्षी बन रहा है। हम भाग्यशाली हैं कि हम न केवल साक्षी हैं बल्कि इस परिवर्तन के सहभागी भी हैं। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में बन रहे राममंदिर का भी जिक्र किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि एक बार देश की जनता के दिलों में बसने वाले भगवान राम के लिए अयोध्या में जगह तलाशना मुश्किल हो गया था। कई पीढ़ियां तो यह सोचते हुए ही खत्म हो गईं कि राम मंदिर का निर्माण हो भी पाएगा या नहीं। विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने हमारा मजाक उड़ाया और इसके निर्माण की तारीख पूछी। अब पीएम मोदी के नेतृत्व में आखिरकार भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। राजनाथ सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि एक बार भव्य मंदिर का निर्मण पूरा हो जाए फिर इसके निर्माण की तारीख के बारे में पूछने वालों को भी इसके उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए।