कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ़ योगी सरकार किसानों को रिझाने की कवायद में जुटे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के चेयरमैन डॉ गोविंद राजुला चिंतला से मुलाकात के दौरान इस बाबत गंभीर चर्चा की।

योगी ने एपीसी को सुनाया ये आदेश
लखनऊ लौटकर भी योगी आदित्यनाथ ने शासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में इसकी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण और कृषि के लिए उपयोगी बुनियादी सुविधाएं (वेयर हाउस, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज आदि) विकसित करने में नाबार्ड से अधिकतम सहयोग लिया जाए। उन्होंने एपीसी (कृषि उत्पादन आयुक्त) को इस बाबत कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश दिये।
मालूम हो कि हाल ही में मुंबई यात्रा के दौरान नाबार्ड के चैयरमैन डॉ गोविंद राजुला चिंतला ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। सीएम ने उनसे कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के नारे को साकार करने के लिए नाबार्ड वर्षों से लंबित सरयू नहर और अर्जुन सहायक नहरों जैसी परियोजनाओं को फाइनेंस करे। इससे पूर्वांचल और मध्य उप्र के कई जिलों के लाखों किसानों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री के सुझाव पर ही बैंक के चेयरमैन ने प्रदेश की चीनी मिलों को एथनॉल बनाने के लिहाज से अपग्रेडेशन, क्रशर इकाइयों, कृषि उत्पादों से जुड़ी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग एमएसएमई इकाइयों और डेयरी उद्योग को भी मदद करने का भरोसा दिया।
यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन को लेकर जमकर बरसे ओवैसी, मोदी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया था कि यूपी में चीनी का उत्पादन हमारी खपत का दोगुना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी चीनी के दाम कम हैं। ऐसे में सरकार की फेडरेशन और कोआपरेटिव की चीनी मिलों को अपग्रेड कर एथनॉल प्लांट लगाना चाहते हैं।
Sarkari Manthan Hindi News Portal & Magazine