कोविड प्रबंधन के लिए नई नीति बनाएगी सरकार, सीएम योगी ने कही ये बात

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति के परामर्श से कोविड-19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए नई नीति बनाएगी. उन्होंने कहा, 24 घंटों में राज्य में कोई नया कोविड केस नहीं होने और स्थिति अच्छी तरह से नियंत्रण में होने के कारण कोविड के बदलते रुझान पर कड़ी निगरानी रखी जानी चाहिए. चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग बेहतर समन्वय के साथ तैयारी करे. नई नीति में राज्य स्तरीय स्वास्थ्य सलाहकार समिति के परामर्श से निर्णय लिया जाएगा.

उन्होंने कहा, विभिन्न देशों में पिछले एक सप्ताह से भले ही नए कोविड मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति नियंत्रण में है. दिसंबर में राज्य की कोविड पॉजिटिविटी दर 0.01 प्रतिशत रही है. वर्तमान में, राज्य में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 62 है. पिछले 24 घंटों में, 27,208 परीक्षण किए गए और एक भी नए रोगी की पुष्टि नहीं हुई. इसी अवधि के दौरान 33 लोग स्वस्थ हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में कोविड-19 से बचाव के लिए ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और वैक्सीनेशन की रणनीति सफल रही है.

उन्होंने अधिकारियों से कहा, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए. अस्पतालों, बस, रेलवे स्टेशनों और बाजारों जैसे भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर लोगों को फेस मास्क पहनने के लिए जागरूक करें. पब्लिक एड्रेस सिस्टम को सक्रिय करें. उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के नए वैरिएंट पर लगातार नजर रखी जाए. जो भी और जब भी नए मामले मिलें, उनकी जीनोम सीक्वेंसिंग की जाए. रोजाना टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर, असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.

ग्रामीण क्षेत्रों के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के मंत्र ‘जहां बीमार, वहीं उपचार’ की भावना के अनुरूप ग्राम प्रधानों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और एएनएम का सहयोग होना चाहिए. इन लोगों ने अब तक कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्हें अपने क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले बीमार लोगों को ट्रैक करने और जरूरत के मुताबिक तत्काल अस्पताल/डॉक्टर सेवाएं प्रदान करने के लिए फिर से प्रभावी योगदान देने की आवश्यकता है.

यह भी पढ़ें: यूपी सरकार का ‘ऑस्टिन यूनिवर्सिटी’ के साथ किया 35 हजार करोड़ का समझौता विवादों में क्यों है?

मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों की अद्यतन आवश्यकताओं की जांच कर विशेषज्ञ डॉक्टरों के नए पद सृजित किए जाएं. उन्होंने कहा, यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में जीवन रक्षक दवाओं की कमी न हो. चिकित्सा आपूर्ति निगम की कार्यप्रणाली में सुधार की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्री स्तर पर विभाग के कार्यों की समीक्षा की जाए. .