क्या होता है IVF ?
आपको बता दे, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) एक प्रजनन प्रक्रिया है जो आनुवंशिक विकारों और निःसंतानता समस्याओं को दूर करने में मदद करती है। यह तकनीक उन लोगों के लिए एक उम्मीद है, जिन्हें प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में समस्या उत्पन्न होती है। हालांकि, इस तकनीक को लेकर कई मिथ और भ्रम हैं जो लोगों को अकसर गुमराह कर देते हैं। आइये जानते हैं IVF के मिथ्य और फैक्ट्स के बारे में :
- मिथ- IVF केवल निःसंतान कपल्स के लिए होता है
आपको बता दे वास्तव में यह सही नहीं है। IVF का उपयोग निःसंतान दम्पत्तियों के साथ-साथ आनुवंशिक विकारों वाले कपल्स के लिए भी किया जा सकता है। यदि आपके या आपके साथी को किसी भी प्रकार की आनुवंशिक समस्याएं हैं जो बच्चे के स्वास्थ्य और दीर्घायु को प्रभावित कर सकती हैं, तो आप भी IVF विकल्प का अपना सकते हैं।
- मिथ- किसी भी उम्र में IVF कर सकते हैं
आपको बता दे यह वास्तविकता में सही जानकारी नहीं है। IVF की सफलता में महिलाओं की उम्र का भी बड़ा और अहम रोल होता है। जैसे-जैसे महिला की उम्र बढ़ती है, उसकी प्रजनन प्रणाली भी उम्र के साथ प्रभावित होती है, जिससे IVF की सफलता की संभावना कम हो सकती है। सामान्य रूप से, स्वास्थ्य विशेषज्ञ 35-40 वर्षीय महिलाओं को ही IVF की सलाह देते हैं।
- मिथ- नि: संतानता में IVF ही बच्चा पैदा करने का एकमात्र तरीका है
आपको बता दे यह जानकारी सही नहीं है। IVF का उपयोग सिर्फ नि:संतान दम्पत्तियों के लिए नहीं होता है। यह तकनीक विशेष स्थितियों में ही जरूरी होती है, जब दूसरे तरीकों से गर्भधारण करने में समस्या होती है। सामान्य रूप से, स्वस्थ जोड़ों के लिए IVF जरूरी नहीं होती है, और वे प्राकृतिक रूप से गर्भधारण का प्रयास कर सकते हैं।
4 . मिथ- नि: संतानता में IVF ही बच्चा पैदा करने का होता है सही तरीका
आपको बता दे, जब तक आपको या आपके पार्टनर को आनुवंशिक दिक्कतें न हों या आप समलैंगिक न हों, तबतक आपको इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। IVF की जरूरत विशेष स्थितियों में ही होती है। स्वस्थ जोड़ों के लिए िवफ की कोई ज़रूरत नहीं होती है। आप सामान्य रूप से गर्भधारण करने का प्रयास कर सकते हैं, या अगर इसमें कोई समस्या आ रही है तो इस बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह लें।
5 . मिथ- IVF से पैदा होने वाले बच्चे दिखते हैं असामान्य
आपको बता दे, IVF को लेकर लोगों में सबसे आम गलत जानकारी यही है। बता दे, IVF में आनुवंशिक परीक्षण के बाद और सभी प्रकार के जांच के आधार पर ही भ्रूण प्रत्यारोपित किया जाता है। भ्रूण के प्रत्यारोपण से पहले, प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक स्क्रीनिंग (PGS) का उपयोग करके आनुवंशिक समस्याओं को ठीक किया जाता है। आपको बता दे, साल 2010 में एक अमेरिकी अध्ययन के अनुसार, IVF जैसी सहायक प्रजनन तकनीक के माध्यम से पैदा हुए केवल 4% बच्चों के जन्म में दोष पाए जा सकते हैं।