पिघलेगी कांग्रेस और TMC के रिश्तों पर जमीं बर्फ? ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे से लग रहीं अटकलें

इस सप्ताह के अंत में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की दिल्ली की निर्धारित यात्रा से पहले, विपक्षी गुट की दो सबसे बड़ी पार्टियों तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के बीच मेल-मिलाप होने की संभावना है. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बड़ी मात्रा में नकदी के साथ झारखंड के 3 कांग्रेस विधायकों की गिरफ्तारी, इस तथ्य के साथ संयुक्त है कि भर्ती घोटाले में अपने नेता पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी पर टीएमसी बैकफुट पर है. ये दोनों घटनाएं कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के रिश्तों पर जमीं बर्फ को पिघलाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य कर सकती हैं. दोनों दलों के बीच संबंधों का सुधरना एक ऐसी संभावना, जिसका विपक्षी एकता के लिए व्यापक निहितार्थ हैं.

सूत्रों का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस, झारखंड कांग्रेस के विधायकों की गिरफ्तारी को पश्चिम बंगाल प्रशासन द्वारा एक सफल अभियान के रूप में पेश करने की इच्छुक है, जिसमें हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के लिए भाजपा द्वारा कथित प्रयास को विफल कर दिया गया. आपको बता दें कि झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की संयुक्त सरकार है. तृणमूल कांग्रेस के एक सूत्र ने कहा, ‘रांची में कांग्रेस के एक नेता द्वारा दायर की गई शिकायत कि 3 विधायकों ने उन्हें नकद की पेशकश की और नई सरकार में एक मंत्रालय के वादे के साथ उन्हें लुभाने की कोशिश की, इससे हमारा मामला और मजबूत हुआ है.’

अपनी शिकायत में, कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने आरोप लगाया है कि 3 विधायकों, जिन्हें अब पार्टी से निलंबित कर दिया गया है, ने उनसे कहा था कि ‘सरमा (हिमंत बिस्वा सरमा का एक स्पष्ट संदर्भ) दिल्ली में बैठे शीर्ष भाजपा नेताओं की मदद से ऐसा कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस भी संसद में गुजरात के एक मंत्री के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को आधार बनाकर भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है और उसके 3 सांसदों ने मामले पर स्थगन नोटिस दिया है.

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पार्टी सूत्रों का कहना है कि गुजरात के मंत्री पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को संसद में उठाने की कोशिश से कांग्रेस को कुछ राहत मिलेगी. आपको बता दें कि बीते हफ्ते कांग्रेस को लोकसभा में अपने नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदर्भ में ‘राष्ट्रपत्नी’ शब्दावली का प्रयोग करने के कारण काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर काफी हमलावर रही थी. हालांकि, अधीर रंजन चैधरी ने राष्ट्रपति मुर्मू को पत्र लिखकर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है.