केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया गया है। पार्टी की ओर से जारी उम्मीदवारों की सूची में नकवी का नाम शामिल नहीं है। राज्यसभा में नकवी पार्टी के उप नेता भी हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर वह सदन के सदस्य नहीं रहते हैं तो उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। हालांकि अभी वह 6 महीने तक मंत्री पद पर बने रह सकते हैं। उनका कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि आखिर मुख्तार अब्बास नकवी को राज्यसभा का टिकट क्यों नहीं दिया गया? अब इसको लेकर लगातार सियासी हलचल तेज होती दिखाई दे रही है।
राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने किसी भी मुस्लिम नेता को टिकट नहीं दिया है। मुख्तार अब्बास नकवी, एमजे अकबर और सैयद जफर इस्लाम का कार्यकाल खत्म हो रहा है। लेकिन इन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया। अब सवाल यह है कि आखिर नकवी का क्या होगा? ऐसे में कुछ लोगों का दावा यह भी है कि मुख्तार अब्बास नकवी को भाजपा रामपुर से लोकसभा उपचुनाव लड़वा सकती हैं। रामपुर से मुख्तार अब्बास नकवी 1998 में चुनाव जीत चुके हैं और उस वक्त उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी बनाया गया था।
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आपको बता दें कि आजम खान के इस्तीफा देने के बाद रामपुर में लोकसभा के उपचुनाव होने हैं। 23 जून को इसके लिए वोटिंग होगी। मुख्तार अब्बास नकवी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में से एक है। सबसे खास बात तो यह भी है वह मुस्लिम समुदाय से आते हैं और भाजपा के बड़े मुस्लिम नेता माने जाते हैं। मुख्तार अब्बास नकवी 1999 और 2009 में भी रामपुर से अपनी दावेदारी पेश की थी। लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए थे। 2016 में उन्हें झारखंड से राज्यसभा भेजा गया था।