ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को क्यों दिया जा रहा अभयदान?

जनपद-सीतापुर के विकासखण्ड गोंदलामऊ के ग्राम पंचायत गांगूपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अनियमितता का मामला, कई बार की जा चुकी शिकायत, ग्राम्य विकास मंत्री दे चुके जांच के निर्देश

विकासखण्ड गोंदलामऊ के ग्राम पंचायत गांगूपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार

सीतापुर। जनपद सीतापुर के विकासखण्ड गोंदलामऊ के ग्राम पंचायत गांगूपुर एक बार फिर से प्रकाश में है। यहां ग्राम प्रधान व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में व्यापक स्तर पर किये गये भ्रष्टाचार तथा अनियमित कार्यों एवं फर्जीवाडे़ की अनेकों शिकायतें जनपदीय अधिकारियों के पास पहुंची हैं। यही नहीं प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री, ग्राम्य विकासमंत्री, पंचायतराज मंत्री से लेकर शासन के सम्बन्धित अधिकारियों को ग्राम पंचायत के ग्रामवासियों व कई जन प्रतिनिधियों ने शिकायत की है। इसके बाद सम्बन्धित ग्राम पंचायत की जांच के सम्बन्ध में जनपद के जिलाधिकारी और प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री ने आदेश पारित किये हैं। किन्तु सम्बन्धित ग्राम पंचायत की जांच आज तक पूरी नही हुई है। विभाग के अधिकारी सम्बन्धित ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान तथा ग्राम पंचायत विकास अधिकारी को अभयदान देने की मंशा से ग्राम विकास मंत्री के  आदेशों के विपरीत जांच की कार्यवाही कर रहे हैं। साथ ही जांच की कार्यवाही कछुवा चाल में है ।

गांव वालों ने लगाए कई आरोप, यह भी पढ़ें: आदेश के बाद भी नहीं हो रही ग्राम पंचायत की जांच, ग्राम विकास मंत्री के निर्देश की भी सुनवाई नहीं

बताते चलें कि आरोप है कि इस ग्राम पंचायत की वर्तमान ग्राम प्रधान प्रेमा देवी तथा गत पंचवर्षीय योजना में प्रधान रहे इन्ही के पुत्र बृजेन्द बहादुर द्वारा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत फोर्थ स्टेट फाइनेंस कमिशन और फार्टीन फाइनेंस कमिशन में विभिन्न प्रदर्शित विकास कार्यों में फर्जी तरह से विना कराये कार्य के सापेक्ष धनराशि का भुगतान दर्शाकर शासकीय धन का गबन कर चुके हैं। आवास आवंटन में पात्र व्यक्तियों को नजरंदाज कर नियमों, मानकों के विपरीत पारिवारिक आईडी में हेराफेरी कर कोटिक्रम को छोड़ते हुए अपात्रों को आवास आवटित करने, आवंटित आवास को लाभार्थी को न देकर प्रधान द्वारा अपने करीबीलोगों को देने का भी आरोप उनपर लगा है। विभिन्न मदों में सामग्री का क्रय किये बिना उसके सापेक्ष भुगतान कर शासकीय धन का दुरूपयोग करने जैसी शिकायतें भी हैं। मनरेगा योजना में विगत दो पंचवर्षीय योजना में व्यापक स्तर पर गड़बडी तथा बिना कार्य किये हुए लाखों रूपये का फर्जी भुगतान कराकर शासकीय धन का गबन करने की अनेकों शिकायतें इस ग्राम पंचायत के विभिन्न नागरिकों द्वारा समय-समय पर अपने शपथपत्र सहित देश के प्रधानमंत्री से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री, ग्राम्य विकास मंत्री, पंचायतीराज मंत्री तथा शासन के सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनपद के जिलाधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारियों को भेजी जा चुकी हैं। किन्तु आज तक इस ग्राम पंचायत की जांच किसी भी स्तर से नही करायी जा सकी है।

ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह मोती सिंह दे चुके जांच के आदेश

इस ग्राम पंचायत के विभिन्न नागरिकों ने इस ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार किये जाने की तथ्यात्मक शिकायतें प्रदेश के ग्राम्य विकास मंत्री से भी करते हुए शिकायतीपत्र दिये गये। समय-समय पर ग्रामवासियों के प्राप्त शिकायती पत्रों मे प्रदेश सरकार के ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह मोती सिंह  द्वारा  शिकायतों की जांच कराने हेतु विस्तृत निर्देश प्रमुख सचिव, ग्राम्य विकास को दिये गये। किन्तु सम्बन्धित ग्राम प्रधान की पैरवी तथा राजनीतिक पहुंच के चलते ग्राम्य विकास मंत्री का आदेश भी बौना साबित हुआ तथा शिकायतों की जांच कार्यवाही को दबवा दिया गया। शिकायतों की जांच आज तक नही हुई और ग्राम्य विकास मंत्री का आदेश ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया।