उज्बेकिस्तान में खांसी की दवा खाने से बच्चों की मौत की खबरें सामने आने के बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक सवालों के घेरे में आ गया है। इस संबंध में अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अलर्ट जारी किया है। WHO ने सिफारिश की है कि नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो कफ सिरप बच्चों को नहीं दिए जाने चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि भारत के मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए कफ सिरप का इस्तेमाल बच्चों के लिए नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि खांसी की दवा वाले ये उत्पाद उज्बेकिस्तान में 19 मौतों से जुड़े थे।

इन दो खांसी के सिरप को लेकर अलर्ट
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने AMBRONOL सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया है। जांच के दौरान इन दोनों ही प्रोडक्ट में डायथिलीन ग्लाइकोल की अस्वीकार्य मात्रा पाई गई थी।
गौरतलब है कि दिसंबर माह में उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि भारतीय दवा कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का सेवन करने के बाद देश में कम से कम 18 बच्चों की जान चली गई है। WHO अलर्ट में कहा गया है कि इन दोनों उत्पादों के क्षेत्र में अन्य देशों में विपणन प्राधिकरण हो सकते हैं। उन्हें अनौपचारिक बाजारों के माध्यम से अन्य देशों या क्षेत्रों में भी वितरित किया जा सकता है।”
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संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि ‘इस अलर्ट में संदर्भित उत्पाद असुरक्षित हैं और विशेष रूप से बच्चों में उनके उपयोग से गंभीर चोट या मृत्यु हो सकती है।’ वहीं उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने उज्बेकिस्तान में 18 बच्चों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश की मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया है।
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