BJP Foundation Day 2022 : भारतीय जनता पार्टी आज अपना 42 वां स्थापना दिवस मना रही है। इस अवसर को पार्टी उत्सव के तौर पर मना रही है। स्थापना दिवस उत्सव के दौरान पार्टी की पूरी इतिहास यात्रा से लोग परिचित हो रहे हैं वहीं एक सवाल लोगों के मन में है कि बीजेपी को एक मजबूत जनादेश के साथ सत्ता के शीर्ष तक लानेवाले नायक नरेंद्र मोदी के बाद बीजेपी में कौन ? यह सवाल उठना लाजिमी है। क्योंकि मोदी जैसे करिश्माई नेता के केंद्र में आने के बाद बीजेपी के अंदर बहुत सारी चीजें बदली हैं। अटल-आडवाणी का दौर अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। अब बीजेपी के केंद्र में नरेंद्र मोदी हैं और उनके साथ नजर आते हैं अमित शाह जो गृह मंत्री के तौर पर कमान संभाले हुए हैं। अमित शाह, नरेंद्र मोदी के बाद पार्टी में सबसे ताकतवर नेता माने जाते हैं।
2014 लोकसभा चुनाव के बाद अमित शाह का कद बढ़ा
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद से पार्टी के अंदर अमित शाह का कद काफी बढ़ गया। उस चुनाव में अमित शाह के पास उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी थी और वहां बीजेपी ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया और विपक्ष के तमाम समीकरणों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद अमित शाह को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। एक ओर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर केंद्र की सत्ता संभाले रहे वहीं अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी राज्यों में जीत का परचम लहराती रही।
मोदी के बाद दूसरे नंबर के नेता बने शाह
वर्ष 2019 में बीजेपी ने इतिहास पलट कर रख दिया। देश में पहली बार कोई गैर कांग्रेसी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापस लौटी। इस जीत में नरेंद्र मोदी और अमित शाह पार्टी का मुख्य चेहरा थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर इस जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद अमित शाह को पार्टी के दायित्व से अलग कर सरकार में नंबर दो की जिम्मेदारी दी गई। वे गृह मंत्री बनाए गए। इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि मोदी के बाद नंबर दो पर अमित शाह ही हैं।
योगी आदित्यनाथ – मास लीडर
मोदी के बाद के नेताओं में अमित शाह के बाद तीसरे नंबर पर जिस नेता का नाम आता है वो हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। योगी की छवि एक कट्टर हिंदूवादी नेता के तौर पर है। उत्तर प्रदेश में लगातार दूसरी बात जीत हासिल करने के बाद योगी का कद काफी बड़ा हो गया है और वे मोदी के बाद की पीढ़ी वाली नेताओं की कतार में आगे हैं। योगी आदित्यनाथ को एक मास लीडर के तौर पर भी माना जाता है और वो युवा नेताओं की श्रेणी में भी आते हैं।
चार राज्यों में जीत से नड्डा का कद बढ़ा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पार्टी शीर्ष नेताओं में एक हैं। लेकिन एक मास लीडर के तौर पर उनकी छवि अभी तक उतनी मजबूत नहीं बन पाई है जितनी मजबूत अमित शाह या योगी आदित्यनाथ की है। हालांकि उनके नेतृत्व में पार्टी ने हाल में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से चार राज्यों में जीत दर्ज की है। इससे जेपी नड्डा का भी कद काफी बढ़ा है और मोदी के बाद उन्हें भी एक विकल्प के तौर पर देखा जा सकता है।
सरमा और बिप्लव देव भी कतार में
वहीं असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा का नाम भी मोदी के बाद की पीढ़ी वाले नेताओं में आता है। बिस्वा सरमा की छवि भी एक हिंदूवादी नेता के तौर पर है। हालांकि सरमा पहले कांग्रेस में थे और उसके बाद उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया। लेकिन कुछ वर्षो में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने हेमंत बिस्व सरमा को असम विधानसभा चुनाव में जीत का इनाम दिया और सर्वानंद सोनोवाल की जगह मुख्यमंत्री बना दिया। वहीं त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव का नाम भी बीजेपी के युवा और मोदी के बाद की पीढ़ी के नेताओं में आता है। हालांकि पूर्वोत्तर भारत के बीजेपी नेताओं में किरेन रिजिजू भी लंबे अर्से से केंद्र में सक्रिय रहे हैं।