लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह का शुभारंभ किया। इस मौके पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम गर्व से कह सकते हैं की हमने देश को राष्ट्रपति दिया, न्यायमूर्ति प्रदान किये। हमने प्रशासनिक अधिकारी और लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए राजनेता दिए। शोध के लिए वैज्ञानिक दिए तो अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए उद्योगपति भी दिए। उन्होंने कहा कि भारतीय मनीषियों ने कभी नही कहा कि परीक्षा पास कर लेना ही सच्चा ज्ञान है।
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2022 तक नई शिक्षा नीति लागू होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 तक नई शिक्षा नीति देश भर में लागू हो जाएगी। नई शिक्षा नीति से ज्ञान और रोजगार में समन्वय से युवा स्वावलंबन की तरफ बढ़ेगा। मैं अक्सर कहता हूं कि हमने शिक्षण संस्थान खोल दिये लेकिन जन सरोकार से उनको दूर कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का मूलमंत्र दिया।

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2018 में यूपी का प्रथम स्थापना दिवस प्रदेश में 24 जनवरी को मनाया गया। तब राज्यपाल राम नाईक ने प्रस्ताव दिया, सरकार ने शुरू किया। इसके साथ ही हमने शुरू किया ओडीओपी का कार्यक्रम। आज पूरे देश मे इस कार्यक्रम के लिए बजट का प्रावधान हो रहा है। यही आत्मनिर्भर भारत की मजबूत नींव और कड़ी बन सकती है। अगर शिक्षण संस्थान इससे जुड़ जाएं तो हर हाथ को काम और हर खेत को पानी देने में देर नही लगने वाली। बता दें कि विश्वविद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर 19 से 25 नवंबर तक शताब्दी समारोह मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को समापन समारोह को संबोधित करेंगे।
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