उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव 2020 6वें संस्करण का समापन किया गया। अपने संबोधन में इस महोत्सव को सफल बनाने के लिए सीएसआईआर, केंद्रीय मंत्रालयों, विज्ञान भारती, शोध संस्थान विश्वविद्यालय इंस्टिट्यूट व सामाजिक उपक्रम को विशेष धन्यवाद दिया।
उपराष्ट्रपति ने दिया ये सन्देश
उपराष्ट्रपति ने संबोधित करते हुए कहा कि मुझे बड़ी प्रसन्नता है वर्चुअल मंच के माध्यम से वैश्विक महामारी के कुछ ही महीनों के बाद अंतरराष्ट्रीय आयोजन कर दिखाया जो विश्व पटल पर हमारे लिए गौरव का विषय है ।भारतीय प्राचीन वैज्ञानिक इतिहास की क्षमताओं से पूरा विश्व प्रसिद्ध है हड़प्पा सभ्यता से ही हमने शेयर और केयर जैसे विचार संपूर्ण विश्व को दिए थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि अपने ज्ञान को साझा करने के लिए आईआईएसएफ एक महत्वपूर्ण मंच है, यह समय विज्ञान एवं तकनीकी को बढ़ावा देने का है, हमें बच्चों , विद्यार्थियों, आम जनमानस, किसान,अध्यापक सभी के मन में वैज्ञानिक सोच पैदा कर देश एवं विश्व को विज्ञान के माध्यम से मानवता के मार्ग पर आ रही परेशानियों को दूर करना है संपूर्ण विश्व भारत की व्यवस्थाओं पर पर अपना भरोसा जता रहा है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि शोध कार्यों का लाभ आम जनमानस को मिलना ही चाहिए। विज्ञान मानवता की जीवनधारा है और भारत के अंदर यह क्षमता है कि वह स्वयं आत्मनिर्भर के साथ विश्व कल्याण के लिए विज्ञान का सदुपयोग कर सकता है।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई एवं मदन मोहन मालवीय की जन्म जयंती के अवसर पर उनको याद भी किया। भारतीय विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए अटल बिहारी वाजपेई के जय विज्ञान के नारे के साथ भारत की विज्ञान के क्षेत्र में हुई प्रगति की भी सराहना किया।
इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि इस मंच का उद्देश्य सही जानकारी आम जनमानस तक पहुंचाने का है संपूर्ण महोत्सव में 41 विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिनमें 400 से ज्यादा सेशन हुए और 81 अंतरराष्ट्रीय देशों ने भागीदारी की, देशभर के 300 से ज्यादा विभागों ने प्रदर्शनी में हिस्सेदारी की ,प्रथम बार आईआई एसएफ को देश की विभिन्न भाषाओं में आयोजित किया गया।
आयोजन से पूर्व 89 कर्टन रेजर, 68 आउटरीच कार्यक्रम, और 4 विज्ञान यात्रा का आयोजन संपूर्ण देश में किया गया। इस वर्ष साइंस फिल्म फेस्टिवल में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ,प्रसिद्ध फिल्मकार शेखर कपूर एवं माइक पांडे जी ने भी संबोधित किया।
डॉक्टर हर्षवर्धन के अनुसार, यह एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में भारतीय तकनीकी और विज्ञान को विश्व पटल पर प्रदर्शित कर रहा है एवं साथ ही साथ हमारी सामाजिक समस्याओं को भी दूर करने का मंच बन गया है।
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इस वर्ष का आयोजन बहुत ही ऐतिहासिक रहा कार्यक्रम का उद्घाटन भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन के जन्म जयंती पर हुआ और समापन भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जन्म जयंती पर हुआ। विभिन्न कार्यक्रमों में विजेताओं को सम्मानित कर उनकी राष्ट्र निर्माण में भागीदारी सुनिश्चित की। कार्यक्रम में महानिदेशक सीएसआईआर डॉ शेखर मंडे, विज्ञान भारती पदाधिकारी डॉ विजय भटकर, जयंत सहस्त्रबुद्धे विभिन्न मंत्रालयों, विश्वविद्यालय इंस्टिट्यूट के प्रमुख उपस्थित रहे।