A man looks at foam floating along the water the polluted Yamuna River in New Delhi on June 9, 2021. (Photo by Money SHARMA / AFP)

उत्तराखंड : मैदान में उतरते ही प्रदूषित हो रही यमुना, विकासनगर में आचमन योग्य नहीं है जल, केवल नहाने योग्य…

यमुना नदी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के मैदानी क्षेत्र विकासनगर में प्रवेश करने के साथ मैली होने लगती है। कालसी (जौनसार) के हरिपुर में यमुना का जल गुणवत्ता के पैमाने पर इतना साफ और स्वच्छ है कि आप उसका आचमन कर सकते हैं, पर जैसे ही यमुना विकासनगर में प्रवेश करती है, तो नदी का जल केवल स्नान योग्य ही रह जाता है।

उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, उद्गम स्थल यमुनोत्री से लेकर कालसी के हरिपुर घाट तक यमुना नदी का जल A श्रेणी (पीने योग्य) का है। वहीं, विकासनगर से यमुना के जल की गुणवत्ता B श्रेणी (स्नान योग्य) की रह जाती है। इसका सबसे बड़ी वजह यह है कि विकासनगर में कई गंदे नाले सीधे यमुना में गिरते हैं।

नमामि गंगे के अंतर्गत कालसी क्षेत्र के हरिपुर में यमुना तट के निर्माण की तैयारी शुरू हो गई है, लेकिन नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए नालों की टेपिंग और एसटीपी प्लांट के निर्माण का खाका तैयार अभी तक नहीं किया गया है। ऐसे में नए हरिपुर घाट से पवित्र नदी की खूबसूरती तो बढ़ेगी, लेकिन उनकी निर्मलता पर लगा ग्रहण नहीं हटेगा।

नदियों के जल की स्वच्छता के लिए भारत सरकार और प्रदेश सरकार योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर रही है। प्रयासों के अपेक्षित परिणाम भी आ रहे हैं। यमुना सहित तीन और नदियों की जिओ मैपिंग होनी है। इसके लिए गठित समिति में तहसीलदार को नामित किया गया है। निश्चित रूप से यमुना नदी की निर्मलता के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।