नगर विकास मंत्री ने निकायों में जल भराव व संचारी रोगों की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के दिये निर्देश

  • सभी निकाय मानसून आने से पहले ही नाले-नालियों की पूर्णतः सफाई कराये
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर निकायों की साफ-सफाई में और सुधार किया जाए
  • शहरों से पानी निकालने के लिए पम्पिंग की व्यवस्था दुरूस्त रहे
  • सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने निकायों में जल भराव न होने तथा संचारी रोगों की रोकथाम के लिए निर्देशित किया है कि सभी निकाय मानसून का मौसम आने से पहले ही नाले-नालियों की पूर्णतः सफाई करायें, इसमें उगी झाड़ियों, सिल्ट आदि की सफाई में मशीन और मैनपॉवर का अधिकतम प्रयोग करें।

प्रदेश के निकायों का नेशनल व ग्लोबल बेंच मार्किंग में स्थान हो। इसके लिए विकास कार्यों, व्यवस्थापन व सुंदरीकरण के कार्यों में गुणात्मक सुधार किया जाए। इन्फ्रास्ट्रक्चर बढ़ाकर निकायों की साफ-सफाई में और सुधार किया जाए।

नगर विकास मंत्री एके शर्मा मंगलवार को जल निगम के फील्ड हास्टल संगम में वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से नगर विकास के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने सभी नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि विकास कार्यों के लिए भेजी गयी धनराशि का समय से सदुपयोग करें। बरसात में निकायों में जलभराव न हो, नाले-नालियों की सफाई समय से करायें। शहरों से पानी निकालने के लिए पम्पिंग की व्यवस्था दुरूस्त हो, सभी पम्प चालू हालात में हो, इसकी पहले से ही मॉनीटरिंग कर ली जाए।

नगर विकास मंत्री ने कहा कि सभी निकायों में साफ-सफाई के कार्यों में सुधार हुआ है। लेकिन इसमें अभी और बेहतर करने की आवश्यकता है, इसके लिए जो भी इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत हो, उसका उपयोग करें। हमें इस बार लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, गाजियाबाद आदि बड़े शहरां में साफ-सफाई, व्यवस्थापन एवं सुंदरीकरण के कार्यों में विशेष ध्यान देना है। सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें। अभी भी हीटवेब और भीषण गर्मी का मौसम है, निकायों में कहीं पर भी पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए निकायों में लगे वाटर एटीएम को पूर्णतः चालू हालात में रहे।

उन्होंने कहा कि साफ-सफाई को बेहतर करने के लिए डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन पर विशेष ध्यान दें। घरों तथा कामर्शियल जगहों पर डस्टबिन का प्रयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित करें। शहरों में कहीं पर भी कूड़े का ढे़र नहीं दिखना चाहिए। सभी गार्वेज वाल्नरेबल प्वाइंट्स (जीवीपीज) को समाप्त करें। ऐसी जगहों का सुशोभन व सुंदरीकरण करके उपयोगी बनायें। चौराहो, पार्कों का भी सुंंदरीकरण और व्यवस्थापन करायें। शहरों के वेडिंग जोन की व्यवस्था का भी ख्याल रखें, जिससे कि वेंडर और ग्राहक दोनों को अच्छा लगे। हमें हर हाल में शहर में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।

नगर विकास मंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के लिए अभी से प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये। कहा कि शहरों में जल भराव और गंदे पानी की आपूर्ति न हो, इस पर विशेष ध्यान देगें। उन्होंने शहरी व्यवस्था में सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के भी निर्देश दिये। कहा कि कान्हा गौशालाओं पर पशुओं के लिए चारे पानी की पर्याप्त व्यवस्था हो। निकायों में अवारा कुत्ते लोगों के लिए मुसीबत न बने, इस पर भी ध्यान दें।

इस अवसर पर बैठक में सचिव नगर विकास अजय कुमार शुक्ला, विशेष सचिव, निदेशक नगर विकास नितिन बंसल, निदेशक सूडा डा0 अनिल कुमार पाठक के साथ अन्य अधिकारी मौजूद रहे तथा सभी नगर निगमों के नगर आयुक्त, निकायों के अधिशासी अधिकारी और जल निगम के अधिकारी वर्चुअल प्रतिभाग किया।