यूपी की पहली महिला पुलिस कमिश्नर, जिनकी बहादुरी को प्रधानमंत्री ने भी सराहा, पति ईडी अधिकारी से बने विधायक  

दबंग पुलिस अधिकारियों का जब नाम लिया जाता है तो पुरुषों के साथ कई महिला आईपीएस अधिकारियों की छवि दिमाग में उभरती है. इनमें से ही एक हैं उत्तर प्रदेश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह. वह इस समय गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) की पुलिस कमिश्नर हैं. साल 2000 बैच की आईपीएस लक्ष्मी सिंह तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में शुमार हैं. वह कई अहम केस को सुलझाकर उत्तर प्रदेश सरकार के लिए समय-समय पर संकट मोचक की भी भूमिका निभाती रही हैं.

लक्ष्मी सिंह मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली हैं. उनकी स्कूलिंग लखनऊ के ही लोरेटो कॉन्वेंट इंटरमीडिएट कॉलेज से हुई है. इसके बाद लखनऊ में ही स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनिरिंग एंड टेक्नोलॉजी (IET) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. जिसमें वह गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. इसके अलावा समाज शास्त्र से पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है.

आईपीएस ट्रेनिंग में रही हैं बेस्ट प्रोबेशनर

लक्ष्मी सिंह 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. उनकी यूपीएससी में ओवरऑल 33वीं रैंक थी. जबकि वह आईपीएस बैच की टॉपर रही थीं. वह सरदार सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकेडमी हैदराबाद में ट्रेनिंग के दौरान बेस्ट प्रोबेशनर रही हैं.

पीएम मोदी भी कर चुके हैं सम्मानित

आईपीएस लक्ष्मी सिंह को कंप्यूटराइजेशन के काम के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं. वह विभिन्न जिलों में तैनाती के दौरान कई डकैतों और दुर्दांत अपराधियों का एनकाउंटर कर चुकी हैं. वह एसटीएफ में डीआईजी भी रह चुकी हैं. इसके अलावा कानपुर में हुए विकास दुबे कांड जैसे कई मामलों की जांच कर चुकी हैं.

गृह मंत्रालय से सम्मान में मिल चुकी है पिस्टल

आईपीएस लक्ष्मी सिंह को बेहतरीन कार्यों के लिए प्रधानमंत्री की ओर से सिल्वर बेटन और गृह मंत्रालय की ओर से 9 एमएम की एक पिस्टल पुरस्कार में प्रदान की जा चुकी है. इसके अलावा वह मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक से भी सम्मानित की जा चुकी हैं.

पति राजेश्वर सिंह हैं भाजपा विधायक

आईपीएस लक्ष्मी सिंह के पति राजेश्वर सिंह लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से भाजपा के विधायक हैं. वह साल 2022 में जीते थे. राजेश्वर सिंह भी पूर्व आईपीएस हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) में ज्वाइंट डायरेक्टर थे. स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर चुनाव लड़े थे.