पश्चिम बंगाल विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से मुलाकात की वजह से मुश्किलों में फंसे देश के सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता के खिलाफ बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने एक बार फिर बड़ा कदम बढाया है। दरअसल, तृणमूल सांसदों के एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। इस मुलाक़ात के दौरान प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा और उन्हें हटाने की मांग की।
मेहता के खिलाफ राष्ट्रपति के पास पहुंचे तृणमूल सांसद
राष्ट्रपति के साथ हुई इस मुलाक़ात बाद तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि हम घोर कदाचार और अनौचित्य के आधार पर एसजी को तत्काल हटाने की मांग करते हैं। पार्टी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने एसजी से मुलाकात की।
इसके पहले मोइत्रा ने रविवार को एक ट्वीट में कहा कि नारद आरोपी वाहन में एसजी (जो नारद मामले में विशेष पीपी सीबीआई भी हैं) के घर में प्रवेश करते हैं, सुरक्षा गाडरें द्वारा चेक किया जाता है और 30 मिनट के बाद बाहर निकलते हैं, वे कहते हैं कि कुछ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि 1 जुलाई को शुभेंदु अधिकारी ने गृह मंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की और तुरंत सॉलिसिटर-जनरल के घर चले गए।
आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के तीन सांसदों ने शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी से कथित मुलाकात पर सवाल उठाया था, जो नारद मामले और शारदा चिटफंड घोटाले में जांच का सामना कर रहे हैं। पार्टी ने प्रधानमंत्री से मेहता को उनके पद से हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया।
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हालांकि, मेहता ने शुभेंदु अधिकारी के साथ किसी भी तरह की मुलाकात से इनकार किया, लेकिन स्वीकार किया कि बंगाल के विधायक दोपहर 3 बजे अघोषित रूप से उनके कार्यालय-सह-निवास में आए। उन्होंने कहा कि चूंकि मैं पहले से ही अपने कक्ष में एक पूर्व-निर्धारित बैठक में था, मेरे कर्मचारियों ने उनसे मेरे कार्यालय के प्रतीक्षा कक्ष में बैठने का अनुरोध किया। जब मेरी बैठक समाप्त हुई, तो मेरे पीपीएस ने मुझे उनके आगमन के बारे में सूचित किया। मैंने अपने पीपीएस से अनुरोध किया कि वे उन्हें बताएं कि वह शुभेंदु अधिकारी से मिलने में असमर्थ हैं और मांफी मांगे क्योंकि उन्हें इंतजार करना पड़ा।
मेहता ने कहा कि अधिकारी उनसे मिलने की जिद किए बिना वहां से चले गए। उन्होंने कहा, इसलिए अधिकारी से मेरी मुलाकात का सवाल ही नहीं उठता।