उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण में मामलों में आई तेजी के बाद अब सरकार के मंत्री भी मानने लगे हैं कि राज्य में स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई है। शनिवार को कोविड पॉजिटिव अपने भांजे को तमाम कोशिशों के बावजूद भी अस्पताल में बेड दिलवा पाने में नाकाम साबित रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि कोरोना की स्थिति विस्फोटक हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अपील की तरह अब अंतिम विकल्प रह गया है कि प्रदेश में तत्काल संपूर्ण लॉकडाउन लगा देना चाहिए, वरना स्थिति और विकराल हो जाएगी।

रावत ने कहा कि सोमवार को प्रस्तावित कैबिनेट मीटिंग में इस मुद्दे को रखा जाएगा। मंत्री हरक सिंह रावत के पास श्रम मंत्रालय और पर्यावरण मंत्रालय के अलावा आयुष मंत्रालय भी है। अस्पतालों पर एक तरह से मेडिकल वेस्ट निस्तारण से लेकर श्रम मंत्रालय के तहत उनका प्रभावी नियंत्रण होता है। हरक सिंह रावत का कहना है कि बावजूद इसके एम्स ऋषिकेश से लेकर देहरादून तक किसी भी अस्पताल में उनको ऑक्सिजन सपोर्टेड बेड नहीं मिला, क्योंकि सब जगह कोरोना पेशेंट फुल थे। अंत मे मैक्स अस्पताल में चेकअप कराने के बाद उन्हें अपने भांजे को अपने सरकारी आवास में आइसोलेट करना पड़ा।
मंत्री हरक सिंह का कहना है कि यह हकीकत है कि अस्पताल ओवरलोड हो गये हैं। आम आदमी का ऐसे में क्या हाल हो रहा होगा यह सोचने वाली बात है। उन्होंने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है, उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में एक दिन में पांच हजार कोविड पॉजिटिव मरीजों का आना चिंता का विषय है। बता दें कि मंत्री हरक सिंह रावत के घर में उनका बेटा, बहू समेत लगभग दस लोग कोविड पॉजिटिव हैं।
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उनका कहना है कि उनकी अधिकांश मंत्रियों से बात हुई है, सभी की लगभग यही राय है कि स्थिति संभालनी है तो तुरंत लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। सोमवार को कैबिनेट की मीटिंग है। मंत्री समूह की एक राय बनी तो प्रदेश में जल्द लॉकडाउन लगाया जा सकता है।
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