मुंबई में 20 साल के एक युवक को प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पॉक्सो) कानून के तहत एक साल की सजा सुनाई गई है। उसे एक नाबालिग लड़की को आंख मारने और फ्लाइंग किस करने का दोषी पाया गया।

दअसल 14 साल की पीड़िता ने 29 फरवरी 2020 को अपनी मां को बताया कि एक युवक ने उसे ना सिर्फ आंख मारी, बल्कि कई बार फ्लाइंग किस भी किया। इसके बाद पीड़िता के परिवारवालों ने एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में युवक के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
मुकदमे के दौरान आरोपी युवक ने कोर्ट में दावा किया कि वो और पीड़िता अलग-अलग समुदाय से है, इसलिए लड़की की मां ने दोनों को आपस में बात करने से रोका। इतना ही नहीं आरोपी युवक ने यह भी कहा कि उसके ऊपर लगाए गए आरोप बिल्कुल गलत हैं और लड़की एवं उसके रिश्तेदार के बीच लगी शर्त की वजह से उसे फंसाया गया है।
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मुकदमे के वक्त पीड़िता, उसकी मां और जांच अधिकारी से भी सवाल-जवाब किए गए, जिसके बाद अदालत ने माना कि इन तीनों के बयान दोषी के अपराध को साबित करने के लिए काफी हैं। दोषी को एक साल की सजा का आदेश सुनाते हुए कोर्ट ने केस के मौजूदा सबूतों के आधार पर कहा कि आरोपी की तरफ से आंख मारना और फ्लाइंग किस देना पीड़िता का यौन उत्पीड़न है।
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