बीते दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में निकाली गई किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा की निंदा पूरे देश में की जा रही है। गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई हिंसा में करीब 300 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। लाल किला, आईटीओ और नांगलौई समेत अन्य स्थानों पर हुई हिंसा की घटनाओं के बाद पुलिसकर्मियों ने कमर कस ली है। पुलिस आरोपी प्रदर्शनकारियों की पहचान करने में जुटी है।
ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर किया उपद्रव
आपको बता दें कि बीते दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली। इस ट्रैक्टर रैली के पहले किसान नेता शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के दावे कर रहे थे। लेकिन रैली के दौरान हुई हिंसा ने इन सभी दावों को निष्क्रिय साबित किया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली की सडकों पर तो उपद्रव किया ही। गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले में भी जमकर हंगामा किया।
स्थिति यह हो गई कि आजादी के बाद पहली बार गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर तिरंगे की जगह खालसा पंत का झंडा लहराता नजर आया। इस दौरान पुलिस बल और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच खूब झड़प देखने को मिली। प्रदर्शनकारी इतने उग्र हो गए कि वह पुलिस को मारने पर उतारू दिखे। हालांकि देर रात तक सभी प्रदर्शनकारियों को लाल किला से हटा दिया गया।
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई इस हिंसक घटना में दिल्ली पुलिस के एसएचओ बुराड़ी के सिर में चोट लगी है। एसएचओ वजीराबाद भी गंभीर रूप से घायल हैं और वह अस्पताल में भर्ती हैं। फिलहाल उनकी उंगलियों का ऑपरेशन किया जा रहा है। डीसीपी नार्थ के स्टाफ ऑफिसर को भी चोट लगी है। हिंसा के दौरान उत्तरी दिल्ली में 41 पुलिसकर्मी वहीं, पूर्वी दिल्ली में 34, पश्चिमी दिल्ली में 27, द्वारका में 32, बाहरी-उत्तरी जिले में 12, शाहदरा में 5, दक्षिण जिले में 4 और दिल्ली के बाहरी जिलों में75 पुलिसकर्मी घायल हुए।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है। हिंसा के बाद राजधानी दिल्ली छावनी में तब्दील हो गई है। दिल्ली में पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ की 15 कंपनियां तैनात की गई हैं। हिंसा के दौरान एक प्रदर्शनकारी किसान की मौत भी हो गई। पुलिस ने इस पूरे मामले के बाद 22 एफआईआर दर्ज की हैं।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान ने जो बाइडेन को दिखाया अपना झूठा मुखौटा, भारत पर लगाए गंभीर आरोप
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस अब जगह-जगह लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालकर प्रदर्शनकारियों की पहचान करने में जुटी है। लालकिले, नांगलोई, मुकरबा चौक, सेंट्रल दिल्ली में सीसीटीवी कैमरों से फुटेज निकालने के लिए स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच की मदद भी ली जा रही है। इसमें पुलिस पर हमला करने वालों, लालकिले पर चढ़ने वालों, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर पुलिस की नजरें हैं।
साथ ही उन किसान नेताओं की पहचान भी की जा रही है जिन्होंने आंदोलनकारियों को ट्रैक्टर रैली निर्धारित रूट से अलग सेंट्रल दिल्ली में जाने के लिए भड़काया। हिंसा से जुड़े इन मामलों की जांच क्राइम जांच, स्पेशल सेल को सौंपी गई है।