जय श्रीराम के उद्घोष ने गूँज उठा कर्बला मैदान, हिन्दुओं ने की महाआरती, मनाया उत्सव

इंदौर में कर्बला मैदान को लेकर हाल ही में कोर्ट के फैसले ने एक नई हलचल शुरू कर दी है। अदालत ने 6.70 एकड़ भूमि का मालिकाना हक इंदौर नगर निगम को सौंपा है। इसके बाद आज शाम यहां एक बड़ा हिन्दू समारोह आयोजित किया जा रहा है, जिसमें महाआरती, आतिशबाजी और भंडारे का कार्यक्रम शामिल है।

ऐसा ही आयोजन मंगलवार शाम को भी देखने को मिला। दरअसल, मंगलवार शाम को कर्बला मैदान में पेड़ के नीचे हिन्दू समुदाय की भारी भीड़ देखने को मिली। सैकड़ों हिन्दुओं की उपस्थिति में महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज भी शामिल हुए।

हनुमान प्रतिमा की आरती के दौरान साधु-संत और हिन्दू संगठन के पदाधिकारी भी मौजूद थे। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। युवक भगवा पताकाएं लिए खड़े थे, और पहले हनुमान चालीसा का पाठ किया गया, फिर आरती का आयोजन हुआ।

एक युवक हनुमान की वेशभूषा में भी उपस्थित था, और आरती के दौरान लोगों ने “जय श्रीराम” के नारे लगाए। आरती के बाद प्रसाद बांटा गया और मैदान के कुछ हिस्सों में दीप जलाए गए। इसके बाद आतिशबाजी भी की गई।

आरती के दौरान आस-पास की बस्ती के कुछ लोग भी आ गए थे। पुलिस ने इस मैदान से जुड़े विवादों को ध्यान में रखते हुए आसपास के थानों का बल वहां तैनात किया था। आरती संपन्न होने के बाद लोग अपने घरों की ओर लौट गए। आरती के समय महूनाका से मोती तबेला तक के ट्रैफिक पर भी असर पड़ा।

हाल ही में कर्बला मैदान की जमीन को लेकर जिला कोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में फैसला सुनाया है। इसके बाद नगर निगम ने सात एकड़ जमीन का कब्जा लेते हुए वहां अपने स्वामित्व का बोर्ड भी लगाया है।

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यह जमीन कई वर्षों से विवाद का विषय रही है; नगर निगम इसे अपनी संपत्ति बताता रहा है, जबकि वक्फ बोर्ड ने इस पर हक जताया था। रिकॉर्ड में यह जमीन वक्फ बोर्ड के नाम पर भी दर्ज थी, लेकिन कोर्ट के फैसले ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया है।

दूसरी ओर, वक्फ बोर्ड का दूसरा पक्ष इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहा है, जबकि नगर निगम ने भी हाईकोर्ट में केविएट दाखिल की है ताकि उनका पक्ष भी सुना जा सके। यह जमीन सरस्वती नदी के निकट स्थित है, जहां हर साल ताजिए ठंडे किए जाते हैं और इसके बाद तीन दिनों का मेला भी लगता है। कई बार इस मेले के दौरान हनुमान मंदिर में आरती का आयोजन हुआ है, जिससे विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हुई है।