The Kashmir Files के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को मिली Y कैटेगरी की सिक्योरिटी

विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ ने बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा दिया है. फिल्म जल्द ही 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो जाएगी. सात दिन में फिल्म ने 97.30 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है. इसे दर्शकों से भरपूर प्यार मिल रहा है. इसी बीच अब खबर है कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. गृह मंत्रालय ने इंटेलिजेंस ब्यूरो के थ्रेट परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर यह सिक्योरिटी दी है. Y कैटेगरी सिक्योरिटी में कुल 8 सुरक्षाकर्मी विवेक की सुरक्षा में तैनात रहेंगे.

क्या होती है Y श्रेणी सुरक्षा

Y श्रेणी सुरक्षा में कुल 8 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. यह सुरक्षा जिस वीआईपी को दी जाती है, उसमें पांच आर्म्ड स्टैटिक गार्ड उसके घर पर भी लगाए जाते हैं. साथ ही तीन शिफ्ट में तीन पीएसओ सुरक्षा प्रदान करते हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की सिफारिश पर हर साल ऐसे लोगों की समीक्षा करती है, जिसे सुरक्षा की जरुरत होती है.

‘द कश्मीर फाइल्स’ का हो रहा कई जगह विरोध

विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ 1990 में कश्मीरी पंडितों की ओर से कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों को बताती है. फिल्म को एक तरफ जहां दर्शकों का प्यार मिल रहा है. वहीं दूसरी तरफ इसका विरोध भी चल रहा है. कई लोगों को तो यह फिल्म मात्र पब्लिसिटी वाली लग रही है. कई नेता भी इसपर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. जिसको देखते हुए विवेक को सुरक्षा दी गई है.

पीएम मोदी से मिली थी फिल्म की टीम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में विवेक अग्निहोत्री , पल्लवी और अभिषेक से मुलाकात की थी और फिल्म की सराहना की. विवेक ने बैठक की फोटोज साझा कर लिखा था, “हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से मिलकर खुशी हुई.जो चीज इसे और खास बनाती है वह है #TheKashmirFiles के बारे में उनकी सराहना और नेक शब्द. हम कभी भी एक फिल्म का निर्माण करने के लिए उत्साहित नहीं हुए हैं. धन्यवाद मोदी जी.”

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क्या है कहानी

द कश्मीर फाइल्स 1990 में कश्मीरी पंडितों की ओर से कश्मीर विद्रोह के दौरान सहे गए क्रूर कष्टों की सच्ची कहानी बताती है. यह एक सच्ची कहानी है, जो कश्मीरी पंडित समुदाय के कश्मीर नरसंहार की पहली पीढ़ी के पीड़ितों के वीडियो साक्षात्कार पर आधारित है. यह कश्मीरी पंडितों के दर्द, पीड़ा, संघर्ष और आघात का दिल दहला देने वाला आख्यान है और लोकतंत्र, धर्म, राजनीति और मानवता के बारे में आंखें खोलने वाले तथ्यों पर सवाल उठाता है.