भारत में भले ही खसरा का टीका मौजूद है। लेकिन हर साल इस बीमारी की चपेट में हजारों बच्चे आ जाते हैं। हाल ही में मुंबई महानगर क्षेत्र में खसरा से पीड़ित 4 बच्चों की मौत हो गई। जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। अधिकारियों का कहना है कि मीजल्स बीमारी तेजी से फैल सकती है, इसलिए इससे बचाव और टीकाकरण बहुत ज्यादा जरूरी हैष तो चलिए आज हम आपको मीजल्स के बारे में बताते हैं। यह बीमारी क्या है? कैसे यह एक दूसरे को संक्रमित कर सकता है और इससे बचाव कैसे किया जा सकता है?
क्या होता है खसरा या Measles
खसरा या मीजल्स एक वायरल श्वसन रोग है। जो 1 सीरोटाइप वाले आरएनए वायरस के कारण होता है। इसे Paramyxoviridae परिवार में जीनस Morbillivirus के सदस्य के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसमें मरीज को (105 ° F तक) बुखार, अस्वस्थता, खांसी, , नाक बहने, लाल आंखें और मुंह के अंदर सफेद धब्बे के साथ दिखाई देने आदि शामिल है। इसमें आमतौर सिर से धड़ तक निचले छोरों तक दाने फैलते हैं। यह किसी व्यक्ति खसरा होने के लगभग 14 दिनों बाद दिखाई दे सकते हैं।
मीजल्स के लक्षण
खसरा के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के लगभग 10 से 14 दिनों के बाद दिखाई देते हैं। खसरा के लक्षण आम तौर पर ये शामिल हैं-
– बुखार
– सूखी खांसी
– बहती नाक
– गला खराब होना
– आंखें मे सूजन (नेत्रश्लेष्मलाशोथ)
– गाल की अंदरूनी परत पर मुंह के अंदर छोटे सफेद धब्बे – जिन्हें कोप्लिक स्पॉट भी कहा जाता है।
एक-दूसरे को फैलता है वायरस
खसरा से पीड़ित व्यक्ति लगभग आठ दिनों तक दूसरों में वायरस फैला सकता है, जो शरीर पर दाने के आने से चार दिन पहले शुरू होता है और चार दिनों तक दाने मौजूद रहने पर खत्म होता है। ऐसे में मीजल्स से पीड़ित बच्चे या बड़ों को घर के बाकी लोगों से अलग रहना चाहिए।
बचाव
– मीजल्स या खसरा से बचने का एकमात्र तरीका टीकाकरण ही है। इससे 97% तक इसके खतरे को कम किया जा सकता है।
– एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को मीजल्स फैल सकता है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रहना चाहिए और किसी को उसे छूना नहीं चाहिए। इससे संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।
– संक्रमित व्यक्ति कि इस्तेमाल की गई चीजें जैसे चादर, तोलिया, साबुन ,कपड़े का इस्तेमाल कोई दूसरा व्यक्ति ना करें। इससे संक्रमण बढ़ने के चांसेस बढ़ सकते हैं।
– घर में किसी को मीजल्स हुआ हो, तो साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मरीज को नीम के पानी से नहाना चाहिए। जिससे खुजली और रैशेज की समस्या से राहत मिलती है।
– मीजल्स से पीड़ित व्यक्ति को नारियल पानी का सेवन जरूर करना चाहिए। इससे जलन और खुजली से आराम मिलता है और दानों में तकलीफ भी कम होती है।
इन लोगों को सबसे ज्यादा होता है खसरा का खतरा
– 1-5 वर्ष की आयु के बच्चे
– वयस्क- 20 वर्ष
– प्रेग्नेंट औरत
– कम प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग
– ल्यूकेमिया और एचआईवी संक्रमण से ग्रसित लोग
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बच्चों को लगवाएं खसरे का टीका
खसरा का टीका आमतौर पर संयुक्त खसरा-मम्स-रूबेला (MMR) वैक्सीन के रूप में दिया जाता है। इस टीके में चिकन पॉक्स (वैरिसेला) वैक्सीन – MMRV वैक्सीन भी शामिल हो सकता है। ये टीका बच्चों को 2 डोज में पहले 12 से 15 महीने की उम्र के बीच और फिर 4 से 6 साल की उम्र के बीच लगाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार एमएमआर टीके की दो खुराक खसरा को रोकने और जीवन भर इससे बचने में 97% प्रभावी हैं।