नई दिल्ली: मानव शरीर कई तंत्रिकाओं और करोड़ों कोशिकाओं से मिलकर बना है। इनके सही तरीके से काम करने के लिए विटामिन और मिनरल्स की पर्याप्त मात्रा जरूरी होती है। हर विटामिन का शरीर में अपना अलग रोल होता है, लेकिन विटामिन B12 की कमी सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है। यह विटामिन दिल से लेकर दिमाग तक नसों के सही संचालन में अहम भूमिका निभाता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए, तो इसके संकेत साफ दिखने लगते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
विटामिन B12 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण, डीएनए बनाने और मस्तिष्क व तंत्रिका तंत्र के विकास के लिए बेहद जरूरी होता है। खास बात यह है कि शरीर खुद विटामिन B12 नहीं बनाता। इसके शाकाहारी स्रोत भी सीमित हैं, इसी वजह से शाकाहारी लोगों में इसकी कमी सबसे ज्यादा देखी जाती है।
विटामिन B12 की कमी के लक्षण
शरीर में विटामिन B12 की कमी होने पर सबसे पहले कमजोरी और थकान महसूस होती है। इसके अलावा चक्कर आना, बार-बार थक जाना, सिर में दर्द रहना, नसों में दर्द, मुंह और जीभ में छाले, याददाश्त कमजोर होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। अगर लंबे समय तक इसकी कमी बनी रहती है, तो नसें कमजोर होने लगती हैं और खून गाढ़ा हो सकता है, जिससे गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
रोज कितनी मात्रा जरूरी है?
एक सामान्य वयस्क व्यक्ति को रोजाना लगभग 2.4 माइक्रोग्राम विटामिन B12 की जरूरत होती है। गर्भवती महिलाओं के लिए यह मात्रा 2.6 माइक्रोग्राम और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए 2.8 माइक्रोग्राम मानी जाती है। विटामिन B12 के शाकाहारी स्रोत सीमित होने के कारण इसके सही अवशोषण पर भी ध्यान देना जरूरी है।
किन चीजों से पूरी करें कमी?
शाकाहारी लोगों के लिए दूध, दही, मक्खन, पनीर जैसे डेयरी उत्पाद विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा फोर्टिफाइड अनाज, सोया मिल्क और अन्य फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन भी फायदेमंद हो सकता है। वहीं मांसाहारी लोगों को अंडा, मछली और मांस से पर्याप्त विटामिन B12 मिल जाता है।
डॉक्टर की सलाह क्यों जरूरी?
अगर खानपान से विटामिन B12 की कमी पूरी नहीं हो पा रही है, तो डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट लेना जरूरी हो जाता है। इस कमी को नजरअंदाज करना भविष्य में बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए समय-समय पर जांच, संतुलित आहार और सही जानकारी बेहद जरूरी है।
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