सुप्रीम कोर्ट ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दो सप्ताह के लिए सुनवाई टाल दी है।
सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम लीग की ओर से दायर की गई याचिका
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के वकील ने केंद्र के हलफनामे पर जवाब देने के लिए और समय देने की मांग की, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाल दी।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई है, जिसमें सरकार ने पांच राज्यों के कुछ जिलों में शरणार्थियों को नागरिकता के लिए आवेदन करने की इजाजत दी है। केंद्र सरकार का कहना है कि नागरिकता 1955 के क़ानून के आधार पर दी जा रही है। इसका नागरिकता संशोधन कानून से कोई संबंध नहीं है।
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केन्द्र के 28 मई को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब के 13 जिलों के कलेक्टर को गैर मुस्लिम शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई शामिल) को नागरिकता के लिए अर्जी स्वीकारने की इजाज़त दी थी। 2016 में 16 जिलों में ये इजाज़त दी गई थी।