सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को दी अंतरिम जमानत, अनुयायियों से मिलने पर प्रतिबंध

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 2013 के बलात्कार मामले में दोषी आसाराम को मंगलवार को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी। न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने आसाराम को रिहाई के बाद अपने अनुयायियों से मिलने की अनुमति नहीं दी और यह निर्देश दिया कि वह किसी से भी संपर्क नहीं करेंगे।

86 वर्षीय आसाराम, जो हृदय रोग और उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं, ने अपनी याचिका में अपनी सजा को निलंबित करने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा और कहा कि वह इस मामले की सुनवाई केवल चिकित्सा कारणों पर आधारित करेगा।

गुजरात उच्च न्यायालय ने अगस्त 2024 में आसाराम की सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें अदालत ने कहा था कि उसे राहत देने का कोई आधार नहीं है। आसाराम को जनवरी 2023 में एक महिला से बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया गया था, जो उस समय गांधीनगर स्थित उसके आश्रम में रह रही थी।

इसके अलावा, आसाराम राजस्थान के जोधपुर जेल में भी एक अन्य बलात्कार मामले में बंद हैं। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि आसाराम की अंतरिम जमानत केवल चिकित्सा आधार पर दी जा रही है और इससे पहले की सुनवाई में कोई अन्य निर्णय नहीं लिया जाएगा।