अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 6 मेंबर्स एक्सपर्ट कमेटी बनाई है, जिसके हेड रिटायर्ड जज एएम सप्रे होंगे। उनके साथ इस कमेटी में जस्टिस जेपी देवदत्त, जस्टिस ओपी भट, नंदन नीलेकणि, एमवी कामथ और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल होंगे। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की बेंच ने यह आदेश दिया है।
बेंच ने इस कमेटी को मामले की जांच सौंपने के अलावा सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया से भी स्टॉक्स की कीमतों में हेरफेर की जांच रिपोर्ट तलब की है। सेबी को 2 महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी। जिसमें उसे बताना होगा कि इस केस में सेबी के नियमों की धारा 19 का उल्लंघन हुआ या नहीं है।
इन पहलुओं की जांच करेगी कमेटी
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी शेयर मार्केट का रेगुलेटरी फ्रेमवर्क मजबूत करने के उपाय सुझाएगी। मार्केट में होने वाली ट्रेडिंग की निगरानी और पुख्ता की जाएगी।
इसके अलावा कमेटी अडाणी ग्रुप के शेयर्स से जुड़े विवादों की जांच करेगी।
वहीं कोर्ट ने यह भी साफ किया कि कमेटी बनाने से सेबी की स्वतंत्रता और इसकी जांच प्रोसेस में कोई बाधा नहीं आएगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले को लेकर मीडिया कवरेज पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज किया था। कोर्ट ने कहा था कि मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोका जा सकता। वहीं कोर्ट ने बताया कि मामले की जांच के लिए कमेटी के गठन को लेकर अपना फैसला सुरक्षित कर चुकी है, जो जल्द ही इसे सुनाया जाएगा।
याचिकाओं में रखी ये मांग
इस मामले में अभी तक सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट एम एल शर्मा, विशाल तिवारी, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और सोशल वर्कर मुकेश कुमार द्वारा 4 जनहित याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। कोर्ट ने मामले में पहली सुनवाई 10 फरवरी को की थी।
वहीं मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर करते हुए हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर नाथन एंडरसन और भारत में उनके सहयोगियों के खिलाफ जांच करने के साथ FIR की मांग की है। साथ ही मामले पर मीडिया कवरेज पर रोक की भी मांग रखी गई थी।
मुकेश कुमार ने अपनी याचिका में ED, आयकर विभाग, SEBI, डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस से जांच के निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने अपने वकीलों रूपेश सिंह भदौरिया और महेश प्रवीर सहाय से याचिका दर्ज कराई थी।
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इसके अलावा विशाल तिवारी ने SC के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाली एक कमेटी बनाकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच की मांग की थी। वहीं तिवारी ने अपनी याचिका में लोगों के उन हालातों के बारे में बताया जब शेयर नीचे गिर जाते हैं।
जया ठाकुर ने मामले में LIC और SBI की भूमिका पर संदेह जताया है। उन्होंने LIC और SBI द्वारा अडाणी एंटरप्राइजेज में सार्वजनिक धन के निवेश की भूमिका की जांच की मांग की है।