सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के जजों की सुरक्षा के मसले पर सुनवाई करते हुए सभी राज्यों को एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर एक हफ्ते के अंदर राज्य सरकारें जवाब दाखिल नहीं करती हैं तो मुख्य सचिव को पेश होना होगा। कोर्ट ने उन राज्यों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जिन्होंने अब तक जवाब दाखिल नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को सुनाया आदेश
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। जजों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय फोर्स का गठन व्यवहारिक नहीं है। राज्यों को अपने स्तर पर यह करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि असम को छोड़कर किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया है। कई राज्यों ने अब तक जवाब नहीं दाखिल किए हैं। ज़्यादातर राज्यों ने कोर्ट में सीसीटीवी लगाने जैसी बातें बताई हैं। सीसीटीवी से क्या होगा। क्या हमला रुक जाएगा। गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल के जवाब का क्या हुआ।
पिछली 6 अगस्त को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश भर में जजों पर हमले पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने इस मामले पर सभी राज्यों से जवाब दाखिल करने को कहा था। कोर्ट ने अटार्नी जनरल से भी सुझाव मांगा था।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजों की सुरक्षा पर राज्य गंभीर नहीं हैं। धमकी की शिकायत को पुलिस या सीबीआई भी गंभीरता से नहीं लेते। चीफ जस्टिस ने कहा था कि एक और नया चलन शुरू हुआ है। आपराधिक मामलों में जब बड़े लोग शामिल होते हैं और पसंदीदा आदेश नहीं आता तो कोर्ट की छवि खराब करने लग जाते हैं। यह सब चिंताजनक है।