उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में हुए मंगेश यादव एनकाउंटर मामले ने अभी तक सियासी गलियारों का माहौल खासा गर्म कर रखा था। इस मामले को लेकर सपा सहित विपक्षी दल लगातार सत्तारूढ़ योगी सरकार के खिलाफ हमलावर नजर आ रहे थे। हालांकि सूबे के डीजीपी प्रशांत कुमार ने अब सबूत पेश करते हुए विपक्षियों द्वारा लगाए जा रहे सभी आरोपों पर पूर्णविराम लगा दिया है।
दरअसल, मंगेश यादव एनकाउंटर मामले को विपक्ष लगातार फर्जी बता रहा है। सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार कह रहे हैं कि इस मामले में एक विशेष जाति को निशाना बनाया गया है।
विपक्ष के इन आरोपों को नकारते हुए डीजीपी प्रशांत कुमार ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस ने मामले में सबूतों की व्यापक जांच करने के बाद ही कार्रवाई की, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी कार्रवाई निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की गई। यूपी पुलिस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को लागू करने के लिए पूरी मेहनत कर रही है।
डीजीपी ने कहा कि यूपी पुलिस जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने और औद्योगिक समूहों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस प्रतिबद्धता से जनता और हितधारकों को सुरक्षित और संरक्षित महसूस होना चाहिए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, फोटो और मंगेश यादव की मां और बहन के बयान भी जारी किए हैं।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि 28 अगस्त की डकैती के जवाब में पुलिस की त्वरित कार्रवाई पूरी तरह से न्यायसंगत थी।
डीजीपी ने कहा कि राजनीतिक दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। मैं ऐसे आरोपों का पूरी तरह खंडन करता हूं। किसी अपराधी की जाति या समुदाय को ध्यान में रखकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। अगर यह पाया जाता है कि किसी ने निजी लाभ के लिए कार्रवाई की है, तो पर्याप्त जांच और संतुलन हैं।
उन्होंने कहा कि अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस ‘ट्रिगर-हैप्पी’ है, उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह अनुचित है।
डीजीपी के अनुसार, सुल्तानपुर के मेजरगंज चौक में भारत ज्वेलर्स में 28 अगस्त को हुई डकैती में 12 लोग शामिल थे। डकैती का नेतृत्व विपिन सिंह ने किया था। विपिन, फुरकान और तीन साथियों ने 13 और 15 अगस्त को दुकान का सर्वेक्षण किया, जैसा कि वीडियो साक्ष्य में कैद है।
उन्होंने बताया कि डकैती में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल मंगेश यादव ने जौनपुर से चुराई थी, और इसमें अन्य साथी भी शामिल थे। अपराधी दो समूहों में घटनास्थल पर पहुंचे और अपराध के बाद भागने के लिए बोलेरो का इस्तेमाल किया।
कुल आरोपियों में से सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन नामक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि मंगेश यादव एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया।
बाद में विपिन सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। पुलिस ने बुधवार को दुर्गेश प्रताप सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद यादव उर्फ फौजी और विवेक सिंह को गिरफ्तार किया। अधिकारियों ने दावा किया कि तकनीकी साक्ष्यों ने घटनाओं के क्रम को समझने में अहम भूमिका निभाई।