शीर्ष भारतीय पहलवानों से मिलने के लिए केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर सुबह से अपने आवास पर हैं, लेकिन कोई भी उनसे मिलने नहीं पहुंचा. समस्या को हल करने के लिए केंद्रीय मंत्री ने खेल मंत्रालय के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को बैठक की, जिसमें डीजी साई भी मौजूद थे. वहीं, सूत्र ये बता रहे हैं कि पहलवानों को मिलने आना था, लेकिन अभी तक नहीं आए हैं क्योंकि उनकी जो मांग है वो पूरी होती हुई दिखाई नहीं दे रही है. अब तक खेल मंत्रालय की तरफ से जो प्रस्ताव दिए गए हैं, उनको रेसलर्स ने मानने से इंकार कर दिया है.
मामले की गंभीरता को देखते हुए अनुराग ठाकुर ने अपने सभी प्रोग्राम रद्द कर दिये हैं. अनुराग ठाकुर के आवास पर खेल मंत्रालय के अधिकारी कई घंटे रहे, लेकिन कोई खिलाड़ी मिलने नहीं आया, जबकि गुरुवार रात को तय हुआ था कि सुबह मीटिंग उनके आवास पर होगी. 19 जनवरी की रात हुई बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि नाराज पहलवानों ने सरकार के भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को तुरंत भंग करने की अपनी मांग से पीछे हटने से इनकार कर दिया था.
Wrestlers Protest: विरोध कर रहे पहलवानों ने शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जांच समिति के गठन की मांग की. इससे एक दिन पहले पहलवानों ने इस खेल प्रशासक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी थी.
चार मांग रखते हुए पहलवानों ने लिखा, ‘हम भारतीय ओलंपिक संघ से आग्रह करते हैं कि यौन शोषण की शिकायतों की जांच के लिए तुरंत समिति की नियुक्ति की जाए.’ पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई को भंग करने और अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग भी दोहराई. अपनी चौथी और अंतिम मांग में पहलवानों ने लिखा, ‘पहलवानों के साथ सलाह-मशविरा करके राष्ट्रीय महासंघ के संचालन के लिए नई समिति का गठन किया जाए.’
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सूत्रों के मुताबिक सरकार चाहती है कि पहलवान अपना विरोध-प्रदर्शन खत्म करें, लेकिन खिलाड़ी इस बात पर अड़े हैं कि पहले डब्ल्यूएफआई को भंग किया जाए. पहलवानों के एक करीबी सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘सरकार अन्य मुद्दों को बाद में सुलझा सकती है. हमें इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उसे पहले डब्ल्यूएफआई को भंग करना चाहिए.’