पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराने वाले शुभेंदु अधिकारी बड़ी मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, शुभेंदु अधिकारी पर राहत सामग्री चोरी करने का आरोप लगा है। यह आरोप सिर्फ शुभेंदु पर ही नहीं, बल्कि उनके भाई सौमेंदु अधिकारी पर भी लगाया गया है। इस आरोप के साथ ही शुभेंदु और सौमेंदु के खिलाफ पूर्वी मिदनापुर जिले के कोंटाई पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
शुभेंदु और सौमेंदु करे खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर
मिली जानकारी के अनुसार, बीते एक जून को कोंटाई म्युनिसिपैलिटी के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स के सदस्य रत्नदीप मन्ना की ओर से शुभेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
अपनी इस लिखित शिकायत में मन्ना ने आरोप लगाया था कि 29 मई को हिमांग्शु मन्ना और प्रताप डे नाम के दो व्यक्ति म्युनिसिपैलिटी के गोदाम से तिरपाल का एक ट्रक ले गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके पीछे शुभेंदु अधिकारी और सौमेंदु अधिकारी का दिमाग था। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि इस पूरी वारदात को केंद्रीय सुरक्षाबलों की मदद से अंजाम दिया गया।
शिकायत में रत्नदीप ने ये भी लिखा है कि जब म्युनिसिपैलिटी के सदस्य गोदाम पहुंचे तो वहां उन्हें हिमांग्शु मिला था, जिसने पूछताछ में बताया कि उसे शुभेंदु और सौमेंदु तिरपाल से भरा ट्रक लाने को कहा था।
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इस आधार पर पुलिस ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत शुभेंदु अधिकारी, उनके भाई सौमेंदु अधिकारी, हिमांग्शु मन्ना और प्रताप डे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अभी प्रताप डे को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस के मुताबिक, कथित तौर पर चोरी की गई राहत सामग्री को नंदीग्राम में तूफान से प्रभावित इलाकों में बांटा गया था।