पश्चिम बंगाल में पिछले हफ्ते विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही सियासी जंग का सिलसिला शुरू हो गया है, वैसे तो चुनाव खत्म हुए अभी सप्ताह भर भी नहीं हुआ है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में फूट पड़ना अभी से शुरू हो गया है। पार्टी के नेता ही अब एक दूसरे के सिर हार का जिम्मा मढ़ते नजर आ रहे है। हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता तथागत रॉय ने पार्टी की हार के लिए चार नेताओं को जिम्मेदार ठहरा दिया है, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष, राष्ट्रीय महासचिव और चुनाव प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय, संगठन मंत्री शिव प्रकाश और सह चुनाव प्रभारी अरविंद मेनन शामिल हैं।
बीजेपी नेता तथागत राय ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘कैलाश-दिलीप-शिव अरविंद ने हमारे सम्मानित प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह की छवि खराब की है। उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का नाम खराब किया है।’
उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘इन नेताओं ने 7 सितारा होटलों में बैठकर तृणमूल से आने वाले कचरे को टिकट बांट दिए। रॉय ने कहा कि अब कार्यकर्ताओं की आलोचना से ये सबी लोग बच रहे हैं। इन लोगों ने वैचारिक आधार पर काम करने वाले भाजपा के कार्यकर्ताओं और समर्पित स्वयंसेवकों का अपमान किया है, जो 1980 के दशक से ही पार्टी के लिए काफी मेहनत करते रहे हैं। तथागत ने चारों नेताओं को भाड़े पर लाए गए उदासीन सैनिक बताया और कहा, उनमें कोई राजनीतिक समझ नहीं है। मैं केंद्रीय नेतृत्व को इसलिए दोष नहीं देता क्योंकि उन पर पूरे देश की जिम्मेदारी है और उन्हें सही जानकारी देना प्रदेश नेतृत्व का काम है।’ तथागत रॉय ने एक दूसरे पोस्ट में लिखा कि केंद्रीय नेतृत्व ने इन सभी नेताओं को बातचीत करने के लिए दिल्ली बुलाया है।
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दे दी पार्टी छोड़ने की धमकी
तथागत रॉय ने कहा कि उन्हें अब आशंका है कि लोग पार्टी छोड़कर जा सकते हैं एक वे जो कचरा टीएमसी से भाजपा में आया था और दूसरे पार्टी के अपमानित कर्तव्यनिष्ठ कार्यकर्ता। उन्होंने कहा कि पार्टी में जल्द सुधार करने होंगे। लेकिन वही दूसरी तरफ टीएमसी से भाजपा में आए नेताओं का कहना कुछ और ही है। कभी ममता का दाहिना हाथ रहे मुकुल रॉय ने भाजपा छोड़ने की आशंका से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह एक समर्पित भाजपा सैनिक की तरह राज्य में लोकतंत्र की बहाली के लिए संघर्ष करते रहेंगे।